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🌼 हरियाली अमावस्या 🌼

॥ ॐ श्री परमात्मने नमः ॥

🚩 हरियाली अमावस्या 🚩

Importance of Hariyali Amavasya:
हरियाली अमावस्या का महत्व:

         हरियाली अमावस्या श्रावण मास की अमावस्या है और अंग्रेजी कैलेंडर में जुलाई – अगस्त के महीने के दौरान आती है। अन्य अमावस्या की तरह, यह लोगों के लिए मजबूत धार्मिक मूल्य रखता है। हरियाली अमावस्या को बारिश के मौसम के त्योहार के रूप में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है और इस दिन भगवान शिव की पूरी भक्ति के साथ पूजा की जाती है। हरियाली अमावस्या का उत्सव भारत के उत्तरी राज्यों जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में बहुत प्रसिद्ध है। यह अन्य क्षेत्रों में भी प्रसिद्ध है लेकिन अलग – अलग नामों से। महाराष्ट्र में इसे गतारी अमावस्या कहा जाता है, आंध्र प्रदेश में इसे चुक्कल अमावस्या और उड़ीसा में इसे चितलगी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। जैसा कि नाम के साथ होता है, देश के विभिन्न हिस्सों में रीति – रिवाज और परंपराएं अलग – अलग होती हैं, लेकिन उत्सव की भावना समान रहती है। आइए हरियाली अमावस्या का महत्व समझने के बाद, हरियाली अमावस्या पूजा विधि और हरियाली अमावस्या से जुड़ी कुछ रोचक बातें जानें। 

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Why is Hariyali Amavasya special: (Hariyali amavasya khaas kyo) :

       

         सावन के पवित्र मास में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन उत्तर भारत के विभिन्न मंदिरों, विशेष रूप से मथुरा और वृंदावन में विशेष दर्शन का आयोजन किया जाता है। हजारों कृष्ण भक्त मथुरा, द्वारकाधीश और वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर में भगवान कृष्ण के विशेष दर्शन के लिए आते हैं। वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर का फूल बांग्ला कृष्ण भक्तों के बीच विश्व प्रसिद्ध है। हरियाली अमावस्या के दिन कृष्ण मंदिरों के अलावा विभिन्न शिव मंदिरों में भी विशेष शिव दर्शन की व्यवस्था की जाती है। 

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What to do on Hariyali Amavasya?
हरियाली अमावस्या के दिन क्या करें?

 

  • हरियाली अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित है।  
  • इस दिन भक्त जल्दी उठते हैं और स्नान करते हैं। 
  • पितरों को प्रसन्न करने के लिए पूजा की जाती है, इसी के साथ ब्राह्मणों के लिए विशेष भोजन तैयार किया जाता है।  
  • भक्त भक्ति के साथ भगवान शिव की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। 
  • शिव पूजा धन और समृद्धि लाती है। भ 
  • क्त भगवान शिव को समर्पित मंत्रों का पाठ करते हैं और भजन गाते हैं। 
  • भगवान शिव के मंदिरों में विशेष दर्शन और अनुष्ठान होते हैं व भक्त व्रत का पालन करते हुए श्री हरि व शिव के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं।  
  • पूजा की रस्में पूरी करने के बाद ही भोजन किया जाता है।  
  • हरियाली अमावस्या पर भव्य मेलों का भी आयोजन किया जाता है।  
  • महिलाएं अपने पति की सलामती की दुआ करती हैं। 
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Hariyali Amavasya Date and Time:

🍀 हरियाली अमावस्या  : रविवार, 4 अगस्त 2024     🍀

🌺 अमावस्या तिथि प्रारम्भ : 03 अगस्त 2024 को दोपहर 03:50 बजे से  🌺

🌹अमावस्या तिथि समाप्त : 04 अगस्त 2024 को दोपहर 04:42 बजे तक  🌹

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Hariyali Amavasya:
  🍁 Plant trees on Hariyali Amavasya:🍁
(हरियाली अमावस्या पर लगाएं पौधे):

 

      हरियाली अमावस्या के दिन पौधा लगाकर उसकी देख रेख करना और उसे जल खाद देने से पुण्य मिलता हैइंसान अपने जीवन में जितनी भी ऑक्सीजन लेता है, उसमें पेड़ पौधों की मुख्य भूमिका होती हैइसे ध्यान में रखकर ही हमारे पुरातन पंडित और ज्योतिषियों ने हरियाली अमावस्या के दिन पौधा लगाने को पुण्यों को बताया हैवैदिक ज्योतिषीयों  के अनुसार, आरोग्य प्राप्ति के लिए नीम, संतान के लिए केला, सुख के लिए तुलसी और लक्ष्मी के लिए आंवले का पौधा लगाने की परंपरा है 

आइए अन्य वांछित फल प्राप्त करने के लिए कौन से पौछे लगाना चाहिए जानें। 

  

    1. लक्ष्मी प्राप्त करने के लिए – तुलसी, आंवला, बिल्वपत्र और केले का वृक्ष लगाना चाहिए।
    2. आरोग्य के लिए – आंवला, पलाश, ब्राह्मी, अर्जुन, तुलसी और सूरजमुखी के पौधे लगाना चाहिए।
    3. सौभाग्य के लिए – अर्जुन, अशोक, नारियल या वट का वृक्ष लगाएं।
    4. संतान के लिए – बिल्व, नीम, नागकेशर, पीपल या अश्वगन्धा के वृक्ष लगाएं।
    5. सुख के लिए – कदम्ब, नीम या धनी छायादार वृक्ष लगाएं।
    6. खुशियां प्राप्त करने के लिए – पारिजात, मोगरा, रातरानी और गुलाब के पौधे लगाएं।

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🌼Get Rudrabhishek done on Hariyali Amavasya:🌼
हरियाली अमावस्या पर करवाएं रुद्राभिषेक

 

      वैदिक ज्योतिष के अनुसार हरियाली अमावस्या की रात को कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। हरियाली अमावस्या 2024 की रात के दौरान प्रकाशमान ग्रह चंद्रमा आकाश में दिखाई नहीं देता है। 

      यह भी माना जाता है कि इस दिन बुरी आत्माएं सबसे मजबूत होती हैं इसलिए इस दिन काले जादू का अभ्यास भी किया जाता है। लोग बुरी आत्माओं से सुरक्षित रहने के लिए भगवान शिव और काली की पूजा करते हैं। कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। बुरी आत्माओं और नकारात्मकता से बचने के लिए रुद्राभिषेक का बड़ा महत्व है। 

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🌷हरियाली अमावस्या मंत्र :🌷

 

॥ मंत्र:॥ 

 

ॐ नमः शिवाय या ॐ नमो भगवते रुद्राय । 

॥ तांत्रिक बीजोक्त मंत्र ॥ 

 

ॐ भूः भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्। स्वः भुवः भूः ॐ ॥ 

॥ संजीवनी मंत्र- ॥ 

 

ॐ ह्रौं जूं सः। ॐ भूर्भुवः स्वः । ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् । स्वः भुवः भूः ॐ । सः जूं हौं ॐ। 

॥ महामृत्युंजय का प्रभावशाली मंत्र॥ 

 

ॐ ह्रौं जूं सः । ॐ भूः भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् । स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं ह्रीं ॐ ॥ 

॥ महामृत्युंजय का वेदोक्त मंत्र- ॥ 

 

त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॥

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🌼हरियाली अमावस्या पूजा विधि: 🌼

 

  1. हरियाली अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठ कर ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी या तीर्थ में स्नान करें। 
  1. सूर्य उदय होने के समय भगवान सूर्यदेव को जल का अर्घ्य दें।
  2. सुबह उठकर पूरे विधि विधान से माता पार्वती एवं भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए तथा सुहागन महिलाओ को सिंदूर सहित माता पार्वती की पूजा करना चाहिए और सुहाग सामग्री बांटना चाहिए।
  3. इस दिन पितृ तर्पण करें। अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत रखें।
  4. आटे की गोलियां बनाएं बनाकर किसी तालाब या नदी में मछलियों अथवा अन्य जीव-जंतुओं को खिलाएं।
  5. ब्राह्मणों को भोजन कराएं तथा दक्षिणा अथवा सीदा दें।
  6. श्रावणी अमावस्या का उपवास करें।
  7. इस दिन पीपल, बरगद, केला, नींबू अथवा तुलसी का वृक्षारोपण जरूर करें।
  8. अपने घर के पास चींटियों को चीनी या सूखा आटा खिलाएं।
  9. गरीब या जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा दें।
  10. श्रावणी अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा का विधान है।
  11. हरी चूड़िया, सिंदूर, बिंदी बांटने से सुहाग की आयु लंबी होती है और साथ ही घर में खुशहाली आती है।
  12. अच्छे भाग्य के उद्देश्य से लड़के भी चूड़ियां, मिठाई आदि सुहागन स्त्रियों को भेंट कर सकते हैं। लेकिन यह कार्य दोपहर से पहले कर लेना चाहिए।
  13. हरियाली अमावस्या के दिन पीपल और तुलसी के पेड़ की पूजा करना चाहिए।
  14. इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा एवं फेरे किए जाते हैं तथा मालपूए का भोग बनाकर चढाए जाने की परंपरा है।

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