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🌼 मोक्षदा एकादशी 🌼

॥ ॐ श्री परमात्मने नमः ॥

🚩मोक्षदा एकादशी 2024 🚩

मोक्षदा एकादशी के बारे में (About Mokshada Ekadashi)

             मोक्षदा एकादशी हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मार्गशीर्ष के चंद्र महीने के दौरान शुक्ल पक्ष (चंद्रमा का बढ़ता चरण) की एकादशी तिथि (11वें दिन) को गीता जयंती के रूप में लोकप्रिय रूप से मनाई जाती हैअगर आप ग्रेगोरियन कैलेंडर का पालन करते हैं तो यह नवंबर से दिसंबर के महीनों के बीच आता हैजैसा कि नाम से पता चलता है, मोक्षदा एकादशी व्रत का पालन करने वाला व्यक्ति जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति यामोक्षप्राप्त करेगा और भगवान विष्णु के दिव्य निवासवैकुंठमें पहुँचेगायह एकादशी पूरे भारत में भक्ति और उत्साह के साथ मनाई जाती हैमोक्षदा एकादशी कोमौना एकादशीयामौन अग्यारसभी कहा जाता है और इस दिन भक्त पूरे दिनमौन‘ (बातकरना) का पालन करते हैंदक्षिण भारत के कुछ राज्यों और उड़ीसा के आस-पास के क्षेत्रों में, यह एकादशीवैकुंठ एकादशीके रूप में भी प्रसिद्ध हैयह एकादशी बहुत उल्लेखनीय है क्योंकि यह व्यक्ति के जीवनकाल में किए गए सभी बुरे कर्मों और पापों के लिए क्षमा प्रदान करती है 

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🕰️Mokshada Ekadashi 2024 
Date & Time:📅


मोक्षदा एकादशी बुधवार, दिसम्बर 11, 2024 को 

पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 12वाँ दिसम्बर को, 06:57 ए एम से 09:07 ए एम 

पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 10:26 पी एम 

एकादशी तिथि प्रारम्भ – दिसम्बर 11, 2024 को 03:42 ए एम बजे 

एकादशी तिथि समाप्त – दिसम्बर 12, 2024 को 01:09 ए एम बजे 

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🔰मोक्षदा एकादशी का महत्व (Significance Of Mokshad  Ekadashi)
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           हिंदू पौराणिक कथाओं में ऐसा माना जाता है कि मोक्षदा एकादशी व्रत करने से व्रती अपने पितरों को मोक्ष या मुक्ति भी प्रदान कर सकते हैंइस दिन को गीता जयंती के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्ध के दौरान अर्जुन को प्रसिद्ध हिंदू धर्मग्रंथ भगवद गीता सुनाई थीइसी कारण से मोक्षदा एकादशी वैष्णवों या भगवान विष्णु के अनुयायियों के लिए शुभ मानी जाती हैमोक्षदा एकादशी का दिन किसी भी योग्य व्यक्ति को भगवद गीता भेंट करने के लिए भी अनुकूल है, ताकि उसे भगवान विष्णु का प्यार और स्नेह प्राप्त होमोक्षदा एकादशी का महत्व विभिन्न हिंदू धर्मग्रंथों में वर्णित है और इस दिन उन्हें सुनने से व्यक्ति को धार्मिक अश्वमेध यज्ञ से प्राप्त होने वाले पुण्य के बराबर की प्राप्ति होती हैविष्णु पुराण में यह भी बताया गया है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत हिंदू वर्ष में अन्य 23 एकादशी व्रतों के संयुक्त लाभों के बराबर हैऐसी है मोक्षदा एकादशी की महानता! 

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🔰मोक्षदा मंदिर से जुड़ा विशेष महत्व (Special importance attached to Mokshada temple)🔰


           मोक्षदा एकादशी का संबंध केरल के प्रसिद्ध मोक्षदा मंदिर से भी है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है, जिन्हें भगवान विष्णु का ही स्वरूप माना जाता है। मोक्षदा एकादशी के अवसर पर इस मंदिर में विशेष पूजा-अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है।
 

            मंदिर को एकादशी के महीने भर पहले से ही सजाया जाता है। भक्तगण पूरे महीने भर भगवान कृष्ण की विशेष पूजा करते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं। एकादशी के दिन भक्त बड़ी संख्या में मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं और भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 

            मोक्षदा एकादशी के अवसर पर मंदिर में होने वाले विशेष आयोजनों में से एक है – एकादशी विलाक्कु जुलूस। यह जुलूस एकादशी के दिन शाम को निकाला जाता है और इसमें भक्त हाथों में जलते हुए दीप लेकर भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन होकर चलते हैं। इस जुलूस में शामिल होने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। 

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🍀 मोक्षदा एकादशी की पूजा विधि (Mokshda Ekadashi Puja Vidhi)🍀
 
  • मोक्षदा एकादशी ब्राह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। घर के पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। 

  • इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र के सामने दीप प्रज्वलित करें। 

  • भगवान को तुलसी दल, पुष्प, धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पित करें। 

  • भगवद्गीता का पाठ करें और भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप करें। इसके साथ ही मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें। 

  • इस पवित्र पर्व के दिन निराहार रहें और एकादशी की कथा सुनें या पढ़ें। 

  • रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण की आरती करें और भजन-कीर्तन का आयोजन करें। 

  • अगले दिन द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें। 

 
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Mantras of Mokshada Ekadashi:
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श्री विष्णु महामंत्र(Shri Vishnu Mahamantra)  

श्री विष्णु भगवते वासुदेवाय 

Shri Vishnu Bhagwate Vasudevaya

 ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥ 

 Om Namo: Bhagwate Vasudevaya. 


विष्णु
गायत्री मंत्र(Vishnu Gayatri Mantra):
 

नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। 

Narayanaya Vidmahe. Vasudevaya dhimahi. Tanno Vishnu Prachodayat. 

 
सुख समृद्धि के लिए  मंत्र (Mantra for happiness and prosperity) 

शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम। 

Shanta Karam Bhujang Shayanam Padma Nabham Suresham. 

 विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम। 

Vishwadharam Gaganasadrshyam Meghavarnam Shubhangam. 

  लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म। 

Lakshmi Kantam Kamal Nayanam Yogibhirdhyan Nagmyam. 

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💐उपसंहार (
Conclusion) 💐


              मोक्षदा
एकादशी भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करने वाला पवित्र व्रत हैइस व्रत को रखने सेकेवल आध्यात्मिक विकास होता है, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी लाभ प्राप्त होता हैमोक्षदा एकादशी की कथा हमें यह सीख देती है कि कर्मों का फल कभीकभी मिलता ही हैइस व्रत को रखने से पूर्व जन्मों के बुरे कर्मों के प्रभाव को कम किया जा सकता हैमोक्षदा मंदिर में होने वाले समारोह इस व्रत के महत्व को और भी बढ़ा देते हैंउम्मीद है कि यह लेख आपको मोक्षदा एकादशी के महत्व, विधि और इससे जुड़ी मान्यताओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करने में सफल रहा है
 

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