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🌼 पापांकुशा एकादशी व्रत 🌼

॥ ॐ श्री परमात्मने नमः ॥

🚩पापांकुशा एकादशी व्रत 2024 🚩

पापांकुशा एकादशी के बारे में (About Papankusha Ekadashi):

          पापांकुशा एकादशी हिंदू कैलेंडर के अनुसार अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि (11वें दिन) को पड़ने वाला एक हिंदू व्रत है। इसी कारण से इस एकादशी को अश्विन-शुक्ल एकादशी भी कहा जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में, यह सितंबर-अक्टूबर के महीनों के बीच मनाई जाती है। 

             पापांकुशा एकादशी भगवान विष्णु के अवतार भगवान पद्मनाभ को समर्पित है। इस दिन भक्त पूरी लगन और उत्साह के साथ भगवान पद्मनाभ की पूजा करते हैं। पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने से व्रती को भगवान पद्मनाभ का आशीर्वाद प्राप्त होगा और वह इस दुनिया के सभी सुखों का आनंद ले सकेगा। 

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🕰️Papankusha Ekadashi Vrat 2024 Date & Time:📅

  

पापांकुशा एकादशी रविवार, अक्टूबर 13, 2024 को 

पारण (व्रत तोड़ने का) समय -14वाँ अक्टूबर को, 01:50 पी एम से 04:10 पी एम 

पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय – 11:56 ए एम 

एकादशी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 13, 2024 को 09:08 ए एम बजे 

एकादशी तिथि समाप्त – अक्टूबर 14, 2024 को 06:41 ए एम बजे 

  

 गौण पापांकुशा एकादशी सोमवार, अक्टूबर 14, 2024 को 

गौण एकादशी के लिए पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 15वाँ अक्टूबर को, 06:50 ए एम से 09:10 ए एम 

पारण के दिन द्वादशी सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी। 

एकादशी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 13, 2024 को 09:08 ए एम बजे 

एकादशी तिथि समाप्त – अक्टूबर 14, 2024 को 06:41 ए एम बजे 

 

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🔰पापांकुशा एकादशी का महत्व (Significance of Papankusha Ekadashi):
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             पापांकुशा एकादशी की महिमा का वर्णन ‘ब्रह्म वैवत्र पुराण’ में किया गया है और इसे पापों से मुक्ति के लिए सबसे शुभ व्रत माना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, महाराज युधिष्ठिर ने श्री कृष्ण से इस पवित्र दिन पर व्रत रखने के लाभों के बारे में बताने का अनुरोध किया था। ऐसा कहा गया है कि जो कोई भी व्यक्ति पापांकुशा एकादशी का व्रत रखता है और भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसे अपने पापों से मुक्ति मिलती है और उसके बाद इस दुनिया से मोक्ष प्राप्त होता है। साथ ही, जब कोई व्यक्ति, चाहे वह किसी भी उम्र का हो, पापांकुशा एकादशी के दिन भगवान विष्णु का नाम लेता है, तो उसे हिंदू तीर्थ स्थानों पर जाने के समान पुण्य प्राप्त होता है और उसे कभी भी यमराज के दर्शन नहीं करने पड़ते, जो मृत्यु के देवता हैं।

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🔰पापांकुशा एकादशी की व्रत विधि (Fasting method of Papankusha Ekadashi): 🔰

  

  • पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) व्रत एक दिन पहले दशमी तिथि वाले दिन सूर्योदय से पहले भोजन ग्रहण कर लें।  
  • दशमी तिथि पर सात धान्य अर्थात गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर की दाल नहीं खाएं। 
  • दशमी तिथि वाले दिन रात को भोजन न करें ताकि एकादशी वाले दिन आपके पेट में अन्न का एक भी अंश न रहे। 
  • दशमी तिथि और एकादशी तिथि को जितना कम हो सके उतना कम बोलें। 
  • मांसाहारी भोजन न करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें। 
  • पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) का व्रत निर्जला या फिर थोड़े फलाहार के साथ इस व्रत को कर सकते हैं। 
  • इस दिन अन्न का सेवन न करें। 
  • एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। 
  • तत्पश्चात साफ स्वच्छ कपडे पहनकर व्रत का संकल्प लें। 
  • फिर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। 
  • एक साफ आसन या पटरी लें और उस पर स्वच्छ पीला या लाल कपड़ा बिछाएं। 
  • भगवान की तस्वीर और कलश को स्थापित करें। 
  • विधि – विधान से पूजा करके विष्णु जी के सहस्रनाम का पाठ करें। 
  • शाम के समय पूजा करने के बाद व्रत कथा सुने। 
  • भगवान विष्णु का भजन करें।  
  • फिर द्वादशी तिथि के दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा दें। 
  • अंत में आप भोजन करें। 


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  🔰जानिए क्या करें और क्याकरें(Know what to do and what not to do):   

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत के दौरान लहसुन, प्याज और मांसाहारी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति इस दिन व्रत नहीं रखता है और उसके परिवार का कोई सदस्य एकादशी व्रत कर रहा है, तो उसे इस दिन चावल नहीं खाना चाहिए। 
  • जो लोग एकादशी व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें भी इस दिन शराब या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इससे भगवान विष्णु नाराज होते हैं। 
  • प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत के दिन तेल, साबुन, शैंपू आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। महिलाओं को भी इस दिन अपने बाल नहीं धोने चाहिए। साथ ही, पुरुषों को इस दिन बाल या दाढ़ी कटवाने की अनुमति नहीं है। 
  • पापांकुशा एकादशी के दिन चावल, बैंगन और दाल नहीं खानी चाहिए। एकादशी के दिन इन खाद्य पदार्थों को खाना अशुभ माना जाता है। साथ ही, इस विशेष सफाई से बचना चाहिए। 
  • पापांकुशा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के सामने दीपक जलाएं। मान्यता है कि अगर कोई इस दिन भगवान विष्णु को दीपक दिखाता है तो उसे मृत्यु के बाद स्वर्ग में स्थान मिलता है। 
  • पापांकुशा एकादशी व्रत के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि एकादशी व्रत रखने से जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। 

 

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🍀भगवान  विष्णु जी की स्तुति (Lord Vishnuji Stuti):🍀 

  

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं 

विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् । 

लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् 

वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥ 

 

 Shantakaram Bhujagashayanam Padmanabham Suresh  

Vishwadharam Gaganasadrisham megh varn Shubhangam. 

Lakshmi Kantam Kamalanayanam Yogibhirdhyanagamyam  

Vande Vishnu Bhavabhayaharam Sarvlokaikanatham. 

 

🍀भगवान विष्णु के मंत्र: 🍀

  

ॐ नमोः नारायणाय नमः। 

Om Namoh Narayanay Namah। 

 

ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः 

Om Namo: Bhagwate Vasudevaya Namah । 

 

ॐ नारायणाय विद्महे।   वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥ 

Om Narayana Vidmahe । Vasudevaya dhimahi । Tanno Vishnu: Prachodayat. 

 

ॐ विष्णवे नम: । 

Om Vishnave Namah: 

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