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🌼 पापमोचनी एकादशी 🌼

॥ ॐ श्री परमात्मने नमः ॥

🚩पापमोचनी एकादशी 2025 🚩

पापमोचिनी एकादशी के बारे में (About Papmochani Ekadashi):

             होलिका दहन और चैत्र नवरात्रि के बीच आने वाली एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहते हैंइस एकादशी को साल की 24 एकादशियों में से आखिरी माना जाता हैउत्तर भारतीय हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र महीने में 11वें दिन को पापमोचनी एकादशी के रूप में मनाया जाता हैइसे दक्षिण भारतीय कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है, लेकिन यह दोनों कैलेंडर में एक ही दिन पड़ता है


           पाप
और मोचनी दो शब्द मिलकर पापमोचनी शब्द बनाते हैं, पहले का अर्थ हैपापऔर दूसरे का अर्थ हैपाप को दूर करने वाला‘। पापमोचनी एकादशी पर व्रत रखना बहुत शुभ माना जाता है और जो भक्त इसका पालन करते हैं उनके सभी पाप क्षमा हो जाते हैंइस एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है 

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🕰️ Papmochani Ekadashi 2025 Date & Time:📅


पापमोचनी एकादशी -26 मार्च 2025, बुधवार 

पारण का समय- 27 मार्च ,06:26 से 10:32 तक 

एकादशी तिथि प्रारंभ – 25 मार्च 2025 को 05:05 बजे से 

एकादशी तिथि समाप्त – 26 मार्च, 2025 को 03:45 बजे 

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💐पापमोचनी एकादशी का महत्व(Significance Of Papamochani Ekadashi):💐


               पापमोचनी एकादशी का महत्वभविष्योत्तर पुराणऔरहरिवासरमें वर्णित हैइसे सबसे पहले ऋषि लोमश ने राजा मान्धाता को सुनाया था और फिर भगवान कृष्ण ने पांडवों में सबसे बड़े राजा युधिष्ठिर को सुनाया थाऐसा माना जाता है कि पापमोचनी एकादशी सभी पापों का नाश करती है और व्रती को अपराध बोध से भी मुक्त करती हैइस एकादशी को पूरी श्रद्धा के साथ करने से व्यक्ति पर कभी भी भूत-प्रेत का प्रभाव नहीं पड़ता


             पापमोचनी
एकादशी का व्रत करना हिंदू तीर्थ स्थानों पर जाने या एक हजार गायों का दान करने से भी अधिक पुण्यदायी हैइस शुभ व्रत को करने वाले को सभी सांसारिक सुखों का आनंद मिलता है और अंततः भगवान विष्णु के स्वर्गलोकवैकुंठमें स्थान मिलता हैपापमोचनी व्रत रखने का मुख्य उद्देश्य अपने शरीर की मांगों को नियंत्रित करना और भगवान विष्णु को समर्पित वैदिक मंत्रों का जाप, श्रवण और पाठ करने में पर्याप्त समय व्यतीत करना है 

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🍀पापमोचनी एकादशी की पूजा विधि (Papamochani  Ekadashi Puja Vidhi):🍀

 

  • सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें. 
  • नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. 
  • साफ़ कपड़े पहनें. 
  • घर और पूजा घर को साफ़ करें. 
  • एक चौकी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें. 
  • भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं. 
  • पीले फूलों की माला चढ़ाएं. 
  • हल्दी या गोपी चंदन का तिलक लगाएं. 
  • भगवान विष्णु को पंजीरी और पंचामृत का भोग लगाएं. 
  • तुलसी के पत्ते चढ़ाएं. 
  • घी का दीपक जलाएं. 
  • धूप जलाएं. 
  • मंत्र के साथ एकादशी व्रत कथा पढ़ें. 
  • आरती करें. 
  • पूजा के दौरान हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगें. 
  • अगले दिन पूजा के बाद प्रसाद से व्रत खोलें. 

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🌻 पापमोचनी एकादशी पर करने योग्य कार्य(Things To Do on Papamochani Ekadashi): 🌻
  • एकादशी व्रत के दिन अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए। 
  • इस दिन केवल फलाहारी भोजन जैसे फल, दूध और सूखे मेवे ही खाएं। 
  • इस दिन तामसिक भोजन और मादक पदार्थों से परहेज करें। 
  • इस दौरान क्रोध, ईर्ष्या और नकारात्मक विचारों से बचें और सकारात्मक सोच बनाए रखें। 
  • इस दिन पूरी रात भजन-कीर्तन और ध्यान करने से आत्मिक शांति मिलती है। इसके अलावा जरूरतमंदों की मदद करें और परोपकारी कार्यों में हिस्सा लें। 

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Mantras of Papamochani  Ekadashi:
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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय       

om namo bhagavate vasudevay 

 
ॐ नमोः नारायणाय नमः 

Om Namoh Narayanay Namah 

 
विष्णवे नम:।  

Om Vishnave Namah. 

 
नारायणाय नम:।  

Om Narayanay Namah. 

 
श्री मन नारायण नारायण हरि हरि

Shri Man Narayan Narayan Hari Hari. 

 
ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्

Om Narayanaya Vidmahe Vasudevaya Dhimahi Tanno Vishnu Prachodayat.

 
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारेहे नाथ नारायण वासुदेवाय
।।  

Shri Krishna Govind Hare Murare. he Nath Narayan Vasudevay. 

 
हूं विष्णवे नम:। 

Om ham Vishnave Namah. 

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💐निष्कर्ष(Conclusion) 💐


           पापमोचनी एकादशी का अर्थ है पाप का नाश करने वाली एकादशीसभी एकादशियों का अपना-अपना महत्व होता हैलेकिन चैत्र मास की एकादशी को सभी एकादशियों से मुख्य और श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि यह एकादशी मनुष्य को उसके पापों से मुक्ति दिलाती हैइसलिए इसे पापमोचनी एकादशी कहते हैंइस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिएपापमोचनी एकादशी के दिन किसी की निंदा करने और झूठ बोलने से बचना चाहिएइस व्रत को करने से ब्रह्महत्या, सोने की चोरी, शराब पीना, अहिंसा और भ्रूण हत्या समेत कई जघन्य पापों के दोष से मुक्ति मिलती है 

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