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🌼 कार्तिक पूर्णिमा 🌼

॥ ॐ श्री परमात्मने नमः ॥

🚩   कार्तिक पूर्णिमा 2025 🚩

कार्तिक पूर्णिमा के बारे में(About kartik Purnima):

                           कार्तिक पूर्णिमा हिंदू महीने कार्तिक की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला एक शुभ त्योहार है। कार्तिक पूर्णिमा तिथि अक्टूबर और नवंबर के महीनों के बीच आती है। कार्तिक को हिंदू कैलेंडर का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। राक्षस त्रिपुरासुर पर भगवान शिव की जीत का जश्न कार्तिक पूर्णिमा पर मनाया जाता है, जिसे ‘त्रिपुरी पूर्णिमा’ या ‘त्रिपुरारी पूर्णिमा’ के नाम से भी जाना जाता है। जब यह शुभ दिन ‘कृत्तिका’ नक्षत्र में होता है, तो इसे ‘महा कार्तिक’ कहा जाता है। 

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🕰️ Kartik Purnima 2025 Date & Time:📅


कार्तिक पूर्णिमा – बुधवार, 5 नवंबर, 2025 

शुक्ल पूर्णिमा पूर्णिमा पर चंद्रोदय – शाम 5:42 बजे 

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ – 4 नवंबर, 2025 को रात 10:36 बजे 

पूर्णिमा तिथि समाप्त – 5 नवंबर, 2025 को शाम 6:48 बजे 


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💐कार्तिक पूर्णिमा का महत्व(Significance of Kartik Purnima)💐


                            कार्तिक
पूर्णिमा(Kartik Purnima) का महत्व हिंदू धर्म के कई पवित्र ग्रंथों में बताया गया हैहिंदुओं के लिए कार्तिक पूर्णिमा का दिन बेहद धार्मिक और सांस्कृतिक होता हैइस दिन भगवान विष्णु(Lord Vishnu) की पूजा करने वाले भक्तों को अपार सौभाग्य की प्राप्ति होती हैकार्तिक पूर्णिमा के दिन वृंदा (तुलसी का पौधा) का जन्मदिवस भी मनाया जाता है और इसी दिन तुलसी विवाह भी किया जाता हैकार्तिक स्नान, जो 100 अश्वमेध यज्ञ करने के समान है, कार्तिक मास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैयह दिन इतना लाभकारी है कि इस दिन किए गए किसी भी धार्मिक कार्य से कई लाभ मिलते हैं
 

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🍀 कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि(Kartik Purnima Puja Vidhi): 
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  • इस दिन श्रद्धालु सूर्योदय और चंद्रोदय के समय तीर्थ स्थलों पर जाकर पवित्र स्नान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह कार्तिक स्नान बहुत पवित्र स्नान है। 

  • घर पर भी नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान किया जा सकता है। फिर भगवान विष्णु के सामने घी या सरसों के तेल का दीया जलाकर विधिवत पूजा करें। 

  • इस दिन श्रद्धालु भगवान विष्णु की पूजा बड़े ही समर्पण भाव से करते हैं। भगवान की मूर्ति की पूजा फूल, अगरबत्ती और दीप से की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से श्रद्धालु अपनी चिंताओं को दूर कर सकते हैं और शांतिपूर्ण और खुशहाल जीवन जी सकते हैं। 
  • कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर श्रद्धालु व्रत भी रखते हैं। इस व्रत को सत्यनारायण व्रत कहते हैं और सत्यनारायण कथा पढ़ते हैं। 

  • अपने घरों में श्रद्धालु रुद्राभिषेक भी करते हैं। इस दिन भगवान शिव के मंदिरों में रोशनी की जाती है। 

  •  कहा जाता है कि दीया दान करना बहुत लाभकारी होता है। इस दिन वैदिक मंत्रों और भजनों का पाठ करना भी शुभ माना जाता है। इस महीने में पुष्कर में वृंदा और भगवान विष्णु के विवाह का जश्न मनाने के लिए मेला लगता है। इस दिन मेला समाप्त होता है और श्रद्धालु मोक्ष प्राप्ति के लिए पुष्कर झील में पवित्र स्नान करते हैं।

  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी भी गरीब या जरूरतमंद ब्राह्मण को भोजन कराने का प्रयास करें। 

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🌻 कार्तिक पूर्णिमा से जुड़ी किंवदंतियाँ(The Legends Associated with Kartik Purnima) 🌻 
            

                           कार्तिक पूर्णिमा हिंदू पौराणिक कथाओं में कई किंवदंतियों से जुड़ी हुई है। सबसे लोकप्रिय किंवदंतियों में से एक भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की कहानी है। किंवदंती के अनुसार, भगवान शिव और देवी पार्वती एक बच्चा चाहते थे, और भगवान शिव ने देवताओं से एक पुत्र बनाने में मदद करने के लिए कहा। देवताओं ने कार्तिकेय को बनाया, जो कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के छठे दिन पैदा हुए थे। इसलिए, कार्तिक पूर्णिमा को उनके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। 

  
                            कार्तिक पूर्णिमा से जुड़ी एक और किंवदंती भगवान विष्णु के मत्स्य, मछली के रूप में अवतार की कहानी है। किंवदंती के अनुसार, भगवान विष्णु ने वेदों को बचाने के लिए एक मछली का रूप धारण किया, जिन्हें एक राक्षस ने चुरा लिया था। भगवान विष्णु राजा सत्यव्रत के सामने प्रकट हुए, जो बाद में मनु के रूप में जाने गए, और उन्हें आसन्न बाढ़ से खुद को और वेदों को बचाने के लिए एक नाव बनाने के लिए कहा। भगवान विष्णु ने मछली के रूप में नाव का मार्गदर्शन किया।

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🌺 कार्तिक पूर्णिमा उत्सव और इस दिन मनाए जाने वाले विभिन्न त्यौहार(Kartik Purnima Celebration and Different Festivals on this Day) 🌺

 

                         कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव व्यक्तिगत अनुष्ठानों से आगे बढ़कर विभिन्न त्यौहारों को भी समाहित करता है जो व्यापक समुदाय से जुड़े होते हैं। इस दिन मनाए जाने वाले कुछ प्रमुख उत्सवों पर एक नज़र डालते हैं: 

  

तुलसी विवाह: यह त्यौहार पवित्र तुलसी के पौधे और भगवान विष्णु के औपचारिक विवाह का प्रतीक है, जो विवाह के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। 

  

भीष्म पंचक: यह पाँच दिवसीय त्यौहार महाभारत के भीष्म को श्रद्धांजलि देता है और त्रिपुरी पूर्णिमा पर समाप्त होता है। 

  

वैकुंठ चतुर्दशी: कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है, यह लोगों के घरों में भगवान विष्णु के आगमन का प्रतीक है। 

  

देव दीपावली: दिवाली के 15 दिन बाद मनाया जाने वाला प्रकाश का त्यौहार, जो गंगा के अवतरण और देवताओं द्वारा आत्मिक जगत में उत्सव मनाने का प्रतीक है। 

  

जैन प्रकाश उत्सव: यह त्यौहार जैन धर्म की शिक्षाओं के अनुरूप है और शांति, सत्य और दान के मूल्यों को बढ़ावा देता है। 

  

गुरु नानक जयंती: कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 

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💐 कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करें(What to do on Kartik Purnima) 💐 
                     
  
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन वस्त्रों का दान करना चाहिए। इससे पितरों की कृपा प्राप्त होती हैं। 

  • इस दिन तिल का दान भी करना चाहिए। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। 

  • कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रमा को जल अर्घ्य देने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, और कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। 

  • इस दिन घर की स्वच्छता का खास ध्यान रखना चाहिए। इससे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। 

  • कार्तिक पूर्णिमा के शुभ दिन पर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। इसके बाद दीपदान करना चाहिए। इससे भाग्य में वृद्धि होती हैं। 

 

🌻 कार्तिक पूर्णिमा पर क्याकरें(What not to do on Kartik Purnima) 🌻 
  

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन यदि कोई आपके द्वार पर आए, तो उसे खाली हाथ न जाने दें।  

  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी भी व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए। इस दौरान कटु वचन भी न बोलें।  

  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर में पूजा पाठ से जुड़े कार्य किए जाते हैं। ऐसे में भूलकर भी तामसिक चीजों का सेवन न करें। 

  • इस दिन चांदी के बर्तन या दूध जैसी चीजों का दान नहीं करना चाहिए। इससे आर्थिक समस्या भी हो सकती है। 

  • इस दौरान घर के किसी भी कोने में अंधेरा नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अशुभ होता है। 

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🍀कार्तिक पूर्णिमा पर करें शिव मंत्र का जाप(
Chant Shiva Mantra on Kartik Purnima)
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ॐ नम: शिवाय

Om Namah Shivay 

 
ॐ हौं जूं सः, ॐ भूर्भुवः स्वः 

Om Haun Jun Sah, Om Bhurbhuvah Swah. 

 

ॐ त्र्यम्बेकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धूनान् मृत्योवर्मुक्षीय मामृतात्

Om Tryambekan Yajamahe Sugandhi Pushtivardhanam Urvarukamiv Bandhunan Mrityovarmukshiya Mamritat. 

 
ॐ स्वः भुवः भूः, ॐ सः जूं हौं ॐ 

 Om Swah Bhuvah Bhuh, Om Sah Jun Haun Om. 

 
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💐निष्कर्ष(Conclusion) 💐
                             

                           कार्तिक पूर्णिमा को कई अलग-अलग नामों से जाना जाता हैहालाँकि, इसका अंतिम लक्ष्य एक ही हैइस त्यौहार का मुख्य लक्ष्य आत्मा को पापों से मुक्त करना और जीवन में सकारात्मकता को आमंत्रित करना हैकार्तिक सभी चंद्र महीनों में सबसे पवित्र महीना हैइस शुभ दिन पर विशेष अनुष्ठान करने से व्यक्ति अशुभ ग्रहों और ग्रह दोषों के प्रभाव से छुटकारा पा सकता है 


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