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🌼 करवा चौथ 🌼

॥ ॐ श्री परमात्मने नमः ॥

🚩   करवा चौथ 2025 🚩

करवा चौथ के बारे में(About karwa chauth)

                        करवा चौथ(Karwa Chauth) एक हिंदू त्यौहार है जिसे हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने की पूर्णिमा के चौथे दिन विवाहित महिलाएं मनाती हैंइस दिन, विवाहित हिंदू महिलाएं पूरे दिन सूर्योदय के बाद भोजन या पानी की एक भी बूंद नहीं पीकरनिर्जला व्रत(nirjala vrat)या उपवास रखती हैंवे अपने पति की समृद्धि, सुरक्षा और लंबी उम्र के लिए इस परंपरा को मनाती हैं महिलाएं छलनी से चांद और अपने पति के चेहरे को देखकर अपना व्रत तोड़ती हैं    

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🕰️  Karva Chauth 2025 Date & Time:📅


करवा चौथ – शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 

करवा चौथ पूजा मुहूर्त – शाम 06:18 बजे से शाम 07:32 बजे तक 

अवधि – 01 घंटा 13 मिनट 

करवा चौथ उपवास का समय – सुबह 06:32 बजे से रात 08:50 बजे तक 

अवधि – 14 घंटे 18 मिनट 

करवा चौथ के दिन कृष्ण दशमी चंद्रोदय – रात्रि 08:50 बजे 

चतुर्थी तिथि आरंभ – 09 अक्टूबर, 2025 को रात्रि 10:54 बजे 

चतुर्थी तिथि समाप्त – 10 अक्टूबर 2025 को शाम 07:38 बजे 


 
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💐 करवा चौथ का महत्व(Significance of Karwa Chauth) 💐
     

                               करवा चौथ(Karwa Chauth) को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। जहाँ ‘करवा’ का अर्थ है मिट्टी का बर्तन, वहीं ‘चौथ’ का अर्थ है चौथा दिन। इस दिन को इस मान्यता के साथ मनाया जाता है कि यह देवी पार्वती का दिन है, जिन्होंने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए व्रत रखा था। इसलिए, विवाहित महिलाएँ अपने पति की दीर्घायु और एक स्थायी वैवाहिक जीवन सुनिश्चित करने के लिए यह व्रत रखती हैं। ऐसा माना जाता है कि यह व्रत परिवार में सौभाग्य और समृद्धि लाता है। 

  
                       एक दिवसीय त्यौहार भारत के उत्तरी भागों में व्यापक रूप से मनाया जाता है, जिसमें पंजाब(Punjab), हरियाणा(Haryana), मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh), हिमाचल प्रदेश(Himachal Pradesh) और राजस्थान(Rajasthan) शामिल हैं। विवाहित हिंदू महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र के लिए भगवान शिव, देवी पार्वती, भगवान गणेश और करवा माता से प्रार्थना करती हैं। 

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🍀 करवा चौथ पूजा विधि(Karwa Chauth Puja Vidhi) 🍀


  • करवा चौथ व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान कर साफ-सुधरे कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें।

  • इसके बाद साफ हाथों से घर की दीवारों पर गेरु से करवा का चित्र बनाएं। सोलह श्रृंगार कर पूजा स्थल पर माता पार्वती, भगवान शिव, गणेशजी, कार्तिकेय की तस्वीर को रखें।

  • एक करवा में जल भरकर पूजा के स्थान पर रखें और उसमें जल भरें।

  • इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें और चौथ माता की कहानी सुनें। कथा पूर्ण होने के बाद बड़े लोगों के पैर छूकर आशीर्वाद लें।

  • शाम के लिए पूजा के लिए थाली तैयार कर लें, फिर एक चौकी पर करवा माता की तस्वीर रखें, उसके बाद दीया जलाएं।

  • गौरा पार्वती, चौथ माता और पूरे शिव परिवार की पूजा करें। करवा चौथ की कथा सुनें और पति की दीर्घायु के लिए मन ही मन प्रार्थना करें।

  • चांद निकलने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें और छलनी की सतह पर जलता हुआ दीया रखकर चंद्र दर्शन करें, फिर इसी से पति का मुंह देखें।

  • चंद्रमा को देख कर अपनी पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करें, फिर पति के हाथों से पानी पीकर व्रत को खोलें। घर के सभी बड़ों का आशीर्वाद लेकर करवा को सास या किसी सुहागिन स्त्री को दे दें, और उनके पैर छू लें।

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🌻 करवा चौथ पूजा सामग्री(Karwa Chauth Puja Samagri)🌻

 
  • करवा चौथ की पूजा के लिए टोटीवाला करवा (मिट्‌टी या तांबे का ढक्कन वाला करवा), कलश,रोली, कुमकुम, मौली, अक्षत। 

  • पान, व्रत कथा की पुस्तक, दही, शक्कर का बूरा,चंदन, फूल, हल्दी, चावल, मिठाई.
     
  • देसी घी, इत्र, नारियल, जनेऊ जोड़ा, अबीर, गुलाल, शहद, दक्षिणा, कच्चा दूध. 

  • छलनी, कपूर, गेहूं, बाती (रूई), करवा माता की तस्वीर, दीपक, अगरबत्ती, लकड़ी का आसन, हलुआ, आठ पूरियों की अठावरी. 

  • सरगी – 16 श्रृंगार की सभी समाग्री, ड्रायफ्रूट्स, फल, मिष्ठान। 

  • 16 श्रृंगार का सामान –  कुमकुम, मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, काजल, बिछुआ,काली पोत. 

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🍁 करवा चौथ में करवा, छलनी, दीपक, सींक का महत्वImportance of Karwa, sieve, lamp, skein on Karwa Chauth🍁

 

करवा(Karwa) – करवा को गणपति का प्रतीक माना जाता है. कहते हैं करवे में लगी टोटी गणेश जी की सूंड मानी जाती है. करवा में जल भरकर पूजा करने और चंद्रमा को अर्घ्य देने से मंगल कामनाएं पूर्ण होती है. 

  

दीपक(Lamp) – करवा चौथ व्रत के दिन स्त्रियां छलनी में दीपक रखकर चांद और फिर पति का चेहरा देखती है. शास्त्रों के अनुसार दीपक जलाने से नकारात्मकता दूर होती है, एकाग्रता बढ़ती है. 

  

कांस की सींक(Brass skein) – कांस की सींक को करवे की टोटी में डाला जाता है. मान्यता है कि यह सींक शक्ति का प्रदर्शन करती है. कथा के अनुसार करवा के पति का पैर मगरमच्छ ने पकड़ लिया था उस समय उन्होंने अपनी शक्ति से इन्हीं सींकों का इस्तेमाल करके मगर को बांध दिया और यमराज के पास पहुंच गयीं. उस समय चित्रगुप्त करवा माता के जीवन का लेखा जोखा देख रहे थे. तभी करवा ने सींकों से चित्रगुप्त के पन्नों से पति के प्रसंग को अलग कर दिया और यम से पति के प्राणों की रक्षा की कामना की.

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🌞 किन महिलाओं को नहीं रखना चाहिए करवा चौथ का व्रत?Who Should Avoid Karwa Chauth Fasting 🌞

  

गर्भवती महिलाएं(Pregnant women)- गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का शरीर कई बदलावों से गुजरता है। इस दौरान व्रत रखना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। गर्भवती महिलाओं को भरपूर पोषण की आवश्यकता होती है, जिसे व्रत रखने से पूरा नहीं किया जा सकता। साथ ही, पूरे दिन बिना पानी के रहना शिशु और मां, दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। 

  

स्तनपान कराने वाली महिलाएं(Breastfeeding women)- स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी व्रत नहीं रखना चाहिए। क्योंकि शिशु को स्वस्थ रखने के लिए मां को सही मात्रा में पोषण की जरूरत होती है, लेकिन उपवास करने की वजह से शरीर में पोषण की कमी हो सकती है, जिससे मां के साथ-साथ बच्चे की सेहत पर भी असर पड़ सकता है। 

 

डायबिटीज(Diabetes)- जिन महिलाओं को डायबिटीज है, उन्हें भी व्रत नहीं करना चाहिए। उपवास में रहने से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित नहीं रहता। इसकी वजह से उन्हें परेशानी हो सकती है। शुगर लेवल ज्यादा कम होना भी खतरनाक हो सकता है। 

 

दिल की बीमारी(Heart disease)- जिन महिलाओं को दिल से जुड़ी कोई परेशानी हो, उन्हें भी करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए। पूरे दिन बिना खाना और पानी के रहने से धमनियां सिकुड़ जाती है, जिसकी वजह से बीपी बढ़ता है। ये कंडीशन घातक साबित हो सकती है। 

  

शारीरिक कमजोरी(Physical weakness)- जिन महिलाओं का वजन ज्यादा कम हो या एनीमिया जैसी कोई डेफिशिएंसी डिजीज हो, उनके लिए भी उपवास करना ठीक नहीं है। 

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🔶 हम करवा चौथ क्यों मनाते हैं(Why do We Celebrate Karwa Chauth)?🔶

         

                                       इस त्यौहार का महत्व हमारे देश के उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में व्यापक रूप से देखा जा सकता है। इन क्षेत्रों की पुरुष आबादी का एक बड़ा हिस्सा भारतीय सेना के सैनिक और सैन्य बलों के अधिकारी थे और इन्हीं लोगों की सुरक्षा के लिए इन क्षेत्रों की महिलाओं ने व्रत रखना शुरू किया। ये सशस्त्र बल, पुलिसकर्मी, सैनिक और सैन्यकर्मी देश की दुश्मनों से रक्षा करते थे और महिलाएँ अपने पुरुषों की दीर्घायु के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती थीं। इस त्यौहार का समय रबी की फसल के मौसम के आरंभ के साथ मेल खाता है, जो कि इन क्षेत्रों में गेहूँ की बुवाई का मौसम है। परिवार की महिलाएँ मिट्टी के बर्तन या करवा में गेहूँ भरकर भगवान को अर्पित करती हैं और रबी के अच्छे मौसम की कामना करती हैं। 

  
                                   प्राचीन भारत में, 10-13 वर्ष की आयु की महिलाओं का विवाह कर दिया जाता था। ऐसे विवाह में वे अपने बचपन या किशोरावस्था का आनंद शायद ही ले पाती थीं। उन दिनों संचार भी एक बड़ी बाधा थी। इसलिए, वे आसानी से अपने माता-पिता के घर नहीं आ पाती थीं और इसे अच्छा भी नहीं माना जाता था।


                             इसलिए, कम उम्र से ही एक महिला को नए घर की पूरी ज़िम्मेदारी उठानी पड़ती थी। खाना पकाने से लेकर सफ़ाई तक, उसकी ज़िम्मेदारी होती थी। लेकिन, वह एक अनजान घर में अपनों से दूर, और बिना किसी दोस्त के, बिल्कुल अकेली थी। अकेलापन या घर की याद में वह कहाँ जाती? इसलिए, इस समस्या के समाधान के लिए, महिलाओं ने करवा चौथ को बड़े पैमाने पर मनाना शुरू किया, जहाँ पूरे गाँव और आस-पास के कुछ गाँवों की विवाहित महिलाएँ एक जगह इकट्ठा होती थीं और खुशी और हँसी-मज़ाक में दिन बिताती थीं। वे एक-दूसरे से दोस्ती करती थीं और एक-दूसरे को देव-मित्र या देव-बहन कहती थीं। कह सकते हैं कि यह त्योहार आनंद लेने और ससुराल में अकेले होने की बात को भूलने के लिए शुरू हुआ था। वे इस दिन आपस में मिलन का जश्न मनाती थीं और एक-दूसरे को चूड़ियाँ, लिपस्टिक, सिंदूर आदि उपहार देती थीं ताकि एक-दूसरे को याद रहे कि कहीं न कहीं हमेशा एक दोस्त ज़रूर होता है। 

  

                                    हाल ही में, पतियों ने भी अपनी पत्नियों के लिए व्रत रखना शुरू कर दिया है। इस भाव ने इस त्योहार को और भी खास बना दिया है क्योंकि यह दोनों तरफ से प्यार, समझ और करुणा का प्रतीक है। 

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🕉  Mantras ofKarwa Chauth  🕉
 

 Mantras of Ganesh worship: 

  
ऊँ एकदंताय नम:॥
Om Ekadantay Namah. 
    

ऊँ वक्रतुंडाय नम: ॥
Om Vakratundaya Namah.

 

ऊँ गं गणपतयै नम: ॥
Om Gan Ganpatayai Namah.

 
Mantras of worship of Lord Shiva 

 

ऊँ नम: शिवाय:॥
Om Namah: Shivay.

 

ऊँ रुद्राय नम:॥
Om Rudray Namah.
 

ऊँ तत्पुरुषाय नम:॥
Om Tatpurushaya Namah: 

 
 Karva Chauth Mata Mantras 

  
ऊँ चतुर्थी देव्यै नम: ॥
Om Chaturthi Devyai Namah.

 

ऊँ गौर्ये नम:॥
Om Gaurye Namah.

 

ऊँ शिवायै नम:॥
Om Shivay Namah. 

 

  ऊँ नम: शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्। 

प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे ॥

 

Om Namah: Shivaayi Sharvanyai Saubhagyam Santati Shubham.

Praychch Bhaktiyuktaanaam Narinaam Harvallabhe ॥

 

Say this mantra and salute:

  
नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:।  

नम: प्रकृत्यै भद्रायै नियता: प्रणता: स्मृताम्॥ 

 

Namo Devyai Mahadevyai Shivayai Satavatam Namah.

Namah Prakrityai Bhadraayai Niyataah Pranatah Smritaam.

 

करवा माता की आरती

  

ऊँ जय करवा मइया, माता जय करवा मइया । 

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया ।। ऊँ जय करवा मइया। 

  

सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी। 

यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी ।। ऊँ जय करवा मइया। 

  

कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती। 

दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती ।। ऊँ जय करवा मइया। 

  

होए सुहागिन नारी,  सुख सम्पत्ति पावे। 

गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।। ऊँ जय करवा मइया। 

  

करवा मइया की आरती, व्रत कर जो गावे। 

व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।  ऊँ जय करवा मइया। 


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💐 निष्कर्ष(Conclusion) 💐
              

          करवा चौथ(Karwa Chauth) एक ऐसा त्योहार है जो वैवाहिक जीवन की खूबसूरती और पति-पत्नी के बीच निस्वार्थ प्रेम का जश्न मनाता हैयह महिलाओं के लिए अपने पति की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए समर्पण और प्रार्थना व्यक्त करने का एक विशेष दिन है 

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