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🌼 उत्पन्ना एकादशी 🌼

॥ ॐ श्री परमात्मने नमः ॥

🚩 उत्पन्ना एकादशी 2025 🚩

उत्पन्ना एकादशी के बारे में(About Utpanna Ekadashi):

                                        उत्पन्ना एकादशी(Utpanna Ekadashi) या ‘उत्पत्ति एकादशी(Uttpatti Ekadashi)’ के नाम से भी जानी जाने वाली यह एकादशी हिंदू कैलेंडर के ‘मार्गशीर्ष’ महीने के कृष्ण पक्ष (चंद्रमा का क्षीण चरण) की ‘एकादशी’ (11वें दिन) को मनाई जाती है। हालांकि ग्रेगोरियन कैलेंडर में यह नवंबर से दिसंबर के महीनों के बीच आती है। हिंदू भक्त जो एकादशी व्रत शुरू करते हैं, उन्हें उत्पन्ना एकादशी से व्रत शुरू करना चाहिए। यह एक लोकप्रिय मान्यता है कि यह एकादशी भक्तों को उनके वर्तमान और पिछले जन्मों के सभी पापों से मुक्ति दिलाने में मदद करती है। 

  
                                    उत्पन्ना एकादशी भगवान विष्णु की ‘मुरासुर(Murasura)’ नामक राक्षस पर जीत का जश्न मनाती है। इसके अलावा हिंदू किंवदंतियों के अनुसार, एकादशी माता का जन्म उत्पन्ना एकादशी के दिन हुआ था। भारत के उत्तरी राज्यों में यह एकादशी ‘मार्गशीर्ष’ महीने में मनाई जाती है, जबकि आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र राज्यों में उत्पन्ना एकादशी ‘कार्तिक’ महीने में आती है। मलयालम कैलेंडर में भी यह महीना ‘वृश्चिक मास’ या ‘थुलम’ है और तमिल कैलेंडर में इसे ‘कार्तिगई मास’ या ‘अइप्पासी’ के दौरान मनाया जाता है। उत्पन्ना एकादशी के मुख्य देवता भगवान विष्णु और माता एकादशी हैं। 

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🕰️ Utpanna Ekadashi 2025 Date & Time:📅


उत्पन्ना एकादशी – शनिवार, 15 नवंबर 2025 

पारण का समय- 16 नवंबर को दोपहर 01:30 बजे से 03:43 बजे तक 

पारण दिवस पर हरि वासर समाप्ति क्षण – 09:09 पूर्वाह्न 

एकादशी तिथि प्रारंभ – 15 नवंबर 2025 को रात्रि 12:49 बजे से 

एकादशी तिथि समाप्त – 16 नवंबर, 2025 को प्रातः 02:37 बजे 


 
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💐उत्पन्ना एकादशी का महत्व(Significance Of  Utpanna Ekadashi)💐


                                   उत्पन्ना
एकादशी(Utpanna Ekadashi) की महिमा का वर्णन विभिन्न हिंदू धर्मग्रंथों जैसेभविष्योत्तर पुराण(Bhavishyottara Purana)में श्री कृष्ण(Sri Krishna) और राजा युधिष्ठिर के बीच बातचीत के रूप में किया गया हैउत्पन्ना एकादशी का महत्वसंक्रांतिजैसे शुभ दिनों पर दान करने या हिंदू तीर्थों में पवित्र स्नान करने के समान ही हैऐसा माना जाता है कि उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को उसके पापों से मुक्ति मिलती है और अंत में उसे मोक्ष की प्राप्ति होती हैमृत्यु के बाद वे सीधे भगवान विष्णु के धामवैकुंठमें जाते हैंऐसा माना जाता है कि उत्पन्ना एकादशी का महत्व 1000 गायों के दान से भी अधिक हैउत्पन्ना एकादशी पर रखा जाने वाला व्रत हिंदू धर्म के तीन प्रमुख देवताओं ब्रह्मा, विष्णु और महेश के लिए उपवास करने के बराबर हैइसलिए हिंदू भक्त उत्पन्ना एकादशी का व्रत पूरी निष्ठा और उत्साह के साथ करते हैं

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🍀उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि(Utpanna Ekadashi Puja Vidhi):🍀


  • सुबह जल्दी स्नान करके भगवान विष्णु का ध्यान करें, फिर घर में गंगाजल छिड़कें। 

  • भगवान विष्णु को तुलसी की मंजरियाँ अर्पित करें। 

  • इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने धूप, दीप, नैवेद्य, रोली और अक्षत जलाएँ। पूरी ईमानदारी, भक्ति और अटूट विश्वास के साथ ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें। 

  • अब उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखें और माँ एकादशी की प्राचीन कथा सुनें। व्रत करते समय किसी भी प्रकार की भूल के लिए क्षमा माँगी जा सकती है। 

  • पूजा के बाद आरती करें और प्रसाद आदि बाँटें। 

  • व्रत समाप्त करने से पहले दान दें और ब्राह्मण को भोजन कराएँ। 

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🌻 उत्पन्ना एकादशी के दिन क्या करें(What to do on Utpanna Ekadashi)🌻 

 

  • उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु(Lord Vishnu) की पूजा करनी चाहिए। 

  • इस दिन व्रत करना चाहिए इसके साथ ही घी का दीपक जलाना चाहिए। 

  • उत्पन्ना एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल भरकर भगवान का अभिषेक करें। 

  • इस दिन दान पुण्य करना भी शुभ माना गया है। इस दिन आप दान कर सकते हैं। 

  • उत्पन्ना एकादशी पर तुलसी जी की पूजा करना शुभ होता है। 

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🌻 उत्पन्ना एकादशी के दिन क्या ना करें(What not to do on Utpanna Ekadashi) 🌻

  • उत्पन्ना एकादशी के दिन प्याज, लहसुन या मांस मदिरा का सेवन ना करें। 

  • इस दिन चावल खाने से भी परहेज करना चाहिए। 

  • उत्पन्ना एकादशी के दिन गलती से भी तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए। 

  • इस तिथि पर काले रंग के वस्त्र और लोहे की चीज का दान ना करें। 

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🍀Mantras of Utpanna Ekadashi:🍀 

 

विष्णु मूल मंत्र(Vishnu Mool Mantra) 

 

ॐ नमोः नारायणाय॥ 

Om Namo Narayanay॥ 

 
 विष्णु गायत्री मंत्र(Vishnu Gayatri Mantra)
 

ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥ 

 Om Shri Vishnuve Cha Vidmahe Vasudevay Dhimahi. Tanno Vishnu: Prachodayat. 

  

 श्री विष्णु मंत्र(Shri Vishnu Mantra) 

 

मंगलम भगवान विष्णुः, मंगलम गरुणध्वजः। 

मंगलम पुण्डरी काक्षः, मंगलाय तनो हरिः॥ 

Mangalam Bhagvan Vishnu, Mangalam Garundhwaj. 

Mangalam Pundri Kaksha, Mangalay Tano Hari. 

 
भगवते वासुदेवाय मंत्र(Bhagwate Vasudevaya Mantra) 

  
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥ 

Om Namo: Bhagwate Vasudevaya. 

 
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💐निष्कर्ष(Conclusion) 💐
              

                                   उत्पन्ना एकादशी देवी एकादशी के दिव्य हस्तक्षेप का उत्सव मनाने और धर्म की रक्षा हेतु भगवान विष्णु की शक्ति का सम्मान करने का दिन है। इस दिन व्रत रखना न केवल एक आध्यात्मिक साधना है, बल्कि व्यक्तिगत शुद्धि, आशीर्वाद और भक्ति की ओर एक गहन यात्रा भी है। जैसे-जैसे यह पवित्र दिन निकट आता है, भक्तों को पूर्ण श्रद्धा के साथ इसमें भाग लेने, निर्धारित अनुष्ठानों का पालन करने और समृद्ध जीवन के लिए ईश्वरीय कृपा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। 

  
                                     उत्पन्ना एकादशी का व्रत करके, भक्त न केवल भौतिक आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, बल्कि आध्यात्मिक रूप से समृद्ध जीवन की नींव भी रखते हैं। चाहे उपवास, प्रार्थना या दयालुता के कार्यों के माध्यम से, यह पवित्र दिन व्यक्ति की आध्यात्मिक प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने और जीवन में ईश्वरीय आशीर्वाद को आमंत्रित करने का अवसर प्रदान करता है। 

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