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🌼 रमा एकादशी 🌼

॥ ॐ श्री परमात्मने नमः ॥

🚩  रमा एकादशी 2025 🚩

रमा एकादशी के बारे में(About Rama Ekadashi):

                                  रमा एकादशी(Rama Ekadashi), जिसे रंभा या कार्तिक कृष्ण या हरिहर एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसे कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता हैभगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करने के लिए समर्पित यह पवित्र दिन दान, भक्ति और आध्यात्मिक शुद्धि के कार्यों का अवसर हैरमा एकादशी(Rama Ekadashi) के लिए भक्तों के दिल में एक विशेष स्थान है, जो पापों को मिटाने और लाभ प्रदान करने की क्षमता के लिए पूजनीय है इस दिन का लक्ष्य उपवास, प्रार्थना और निस्वार्थ सेवा के माध्यम से आंतरिक शांति और आध्यात्मिक प्रगति प्राप्त करना है  

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🕰️ Rama Ekadashi 2025 Date & Time:📅


रमा एकादशी – शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025 

पारण का समय – 18 अक्टूबर को सुबह 06:35 बजे से 08:55 बजे तक 

पारण दिवस द्वादशी समाप्ति क्षण – दोपहर 12:18 बजे 

एकादशी तिथि आरंभ – 16 अक्टूबर, 2025 को सुबह 10:35 बजे 

एकादशी तिथि समाप्त – 17 अक्टूबर, 2025 को सुबह 11:12 बजे 


 
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💐रमा एकादशी का महत्व Significance Of Rama Ekadashi💐


                                जैसा
कि ब्रह्म-वैवर्त पुराण(Brahma-Vaivarta Purana) में कहा गया है, इस शुभ दिन पर व्रत रखने वाले व्यक्ति को अपने पिछले पापों या गलत कामों से मुक्ति मिल सकती हैशुद्ध मन से भगवान विष्णु(Lord Vishnu) की पूजा करने वाला व्यक्ति भगवान की कृपा से मोक्ष प्राप्त कर सकता हैइस दिन, यदि आप भगवान विष्णु के मंत्रों या प्राचीन कथाओं का पाठ करते हैं, तो आप अपने जीवन में जबरदस्त प्रगति कर सकते हैंकुछ भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए विष्णु पूजा या लक्ष्मी पूजा का आयोजन भी करते हैंइन पूजाओं का आयोजन करके, व्यक्ति अपने पापों को धो सकता है और जीवन में सफलता प्राप्त करने के तरीके खोज सकता है 


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🍀रमा एकादशी की पूजा विधि(Rama Ekadashi Puja Vidhi)🍀

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें 

  • घर के मंदिर में दीपक जलाएं और चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं 

  • चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें

  • भगवान विष्णु को गंगा जल से अभिषेक करें

  • भगवान विष्णु को पुष्प, फल, और तुलसी दल अर्पित करें
     
  • भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल और वस्त्र अर्पित करें

  • मां लक्ष्मी को गुलाबी रंग के वस्त्र अर्पित करें 

  • भगवान को भोग लगाएं. भोग में सात्विक चीज़ें ही शामिल करें
     
  • भगवान विष्णु की आरती करें

  • पूजा का समापन करने के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न और प्रसाद वितरित करें
     

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🌻 रमा एकादशी व्रत के लाभ(Benefits Of Rama Ekadasi Vrat)🌻 
              

                                 रमा एकादशी के शुभ दिन पर कठोर व्रत रखने वाले भक्तों को नीचे बताए गए लाभ मिल सकते हैं: 

  

  • आपको पिछले जन्म के पापों या अनजाने में किए गए किसी गलत काम से मुक्ति मिल सकती है 

  • आप अपने और अपने पूर्वजों के लिए मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं

  • व्रत रखना 100 से अधिक राजसूय यज्ञ या 1000 अश्वमेध यज्ञ (बल और शक्ति प्राप्त करने के लिए अग्नि अनुष्ठान) के बराबर है, इसलिए आपको अपने जीवन में सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। 

  • आप परिवार में शांति और खुशी बहाल कर सकते हैं 

  • भगवान विष्णु आपको बुरी शक्तियों और छिपे हुए दुश्मनों से बचा सकते हैं
       

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🌺 राम एकादशी व्रत के दौरान किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए(Foods To Avoid During Ram Ekadashi Vrat) 🌺

  

                                  नीचे कुछ खाद्य पदार्थ दिए गए हैं जिन्हें राम एकादशी व्रत के दौरान खाने से बचना चाहिए। 
  

  • अनाज, अनाज और फलियाँ (बीट्स) को एकादशी से दूर रखना चाहिए। 

  • खाना पकाने के लिए फ्लेवर का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन सरसों के बीज से दूर रहना चाहिए।
     
  • आप पिसी हुई हींग का इस्तेमाल नहीं कर सकते क्योंकि इसमें अनाज होता है। 

  • सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, इनका इस्तेमाल सिर्फ़ एकादशी के दिन ही किया जा सकता है। 

  • अनाज के साथ खाना पकाने से भी बचना चाहिए। उदाहरण के लिए, घी से दूर रहें जिसका इस्तेमाल आपने पूड़ी पकाने के लिए किया है, और ऐसे फ्लेवर से दूर रहें जिन्हें आपने चपाती के आटे से हाथ धोकर बनाया है। 

  • आप ऊपर बताए गए वर्जित खाद्य पदार्थों से युक्त विष्णु-प्रसाद भी नहीं ले सकते। फिर भी, ऐसे प्रसाद को अगले दिन के लिए रखा जा सकता है। 

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Mantras of Rama
 Ekadashi:🍀

 
Mantras of Lord Vishnu and Mother Lakshmi 

  
ॐ नमोः नारायणाय ।  

Om Namo: Narayanaya.
 

ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय । 

Om Namo: Bhagwate Vasudevaya.  

ॐ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात् ।

 Om Narayanaya Vidmahe.
Vasudevaya dhimhi.
Tanno Vishnu Prachodayat. 

 

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नम: । 

 Om Hreem Shri Lakshmibhyo Namah. 

 

ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे।
विष्णु पत्न्यै च धीमहि।
तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् । 

 Om Shri Mahalakshmyai Cha Vidmahe.
Vishnu ptnye cha dhimhi.
Tanno Lakshmi Prachodayat. 

 

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद।  

 Om Shreem Hreem Shreem Kamle Kamlalaye Prasid Prasidh. 

 

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्ये नम: ।

Om Shreem Hreem Shreem Mahalakshmye Namah. 

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💐निष्कर्ष(
Conclusion) 💐
              

                               रमा एकादशी की अपनी खोज का समापन करते हुए, यह स्पष्ट है कि यह आध्यात्मिक अनुष्ठान युवाओं के जीवन को बदलने की क्षमता रखता है। रिश्तों को पोषित करने से लेकर करियर के सपनों को साकार करने और कल्याण को बढ़ावा देने तक, रमा एकादशी एक ऐसी समग्र साधना है जो ब्रह्मांडीय और सांसारिक ऊर्जाओं में सामंजस्य स्थापित करती है।

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