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🌼 पापांकुशा एकादशी 🌼

॥ ॐ श्री परमात्मने नमः ॥

🚩  पापांकुशा एकादशी 2025 🚩

पापांकुशा एकादशी के बारे में(About Papankusha Ekadashi):

                              पापांकुशा एकादशी(Papankusha Ekadashi) हिंदू कैलेंडर के अनुसार अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि (11वें दिन) को पड़ने वाला एक हिंदू व्रत है। इसी कारण से इस एकादशी को अश्विन-शुक्ल एकादशी भी कहा जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में, यह सितंबर-अक्टूबर के महीनों के बीच मनाई जाती है। 

  
                         पापांकुशा एकादशी भगवान विष्णु के अवतार भगवान पद्मनाभ को समर्पित है। इस दिन भक्त पूरी लगन और उत्साह के साथ भगवान पद्मनाभ(Lord Padmanabha) की पूजा करते हैं। पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने से व्रती को भगवान पद्मनाभ का आशीर्वाद प्राप्त होगा और वह इस दुनिया के सभी सुखों का आनंद ले सकेगा। 

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🕰️ Papankusha Ekadashi 2025 Date & Time:📅

पापांकुशा एकादशी – शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2025 

पारण का समय – 4 अक्टूबर को सुबह 06:31 बजे से 08:53 बजे तक 

पारण दिवस द्वादशी समाप्ति क्षण – शाम 05:09 बजे 

एकादशी तिथि प्रारंभ – 02 अक्टूबर 2025 को शाम 07:10 बजे से 

एकादशी तिथि समाप्त – 03 अक्टूबर, 2025 को शाम 06:32 बजे
 

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💐पापांकुशा एकादशी का महत्व(Significance Of Papankusha Ekadashi)💐

                                    पापांकुशा एकादशी(Papankusha Ekadashi) की महिमा का वर्णनब्रह्म वैवत्र पुराण(Brahma Vaivatra Purana)में किया गया है और इसे पापों से मुक्ति के लिए सबसे शुभ व्रत माना जाता हैहिंदू पौराणिक कथाओं में, महाराज युधिष्ठिर ने श्री कृष्ण से इस पवित्र दिन पर व्रत रखने के लाभों के बारे में बताने का अनुरोध किया थाऐसा कहा गया है कि जो कोई भी व्यक्ति पापांकुशा एकादशी का व्रत रखता है और भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसे अपने पापों से मुक्ति मिलती है और उसके बाद इस दुनिया से मोक्ष प्राप्त होता हैसाथ ही, जब कोई व्यक्ति, चाहे वह किसी भी उम्र का हो, पापांकुशा एकादशी के दिन भगवान विष्णु का नाम लेता है, तो उसे हिंदू तीर्थ स्थानों पर जाने के समान पुण्य प्राप्त होता है और उसे कभी भी यमराज के दर्शन नहीं करने पड़ते, जो मृत्यु के देवता हैं 

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🍀पापांकुशा एकादशी की व्रत विधि(Fasting method of Papankusha Ekadashi)🍀


  • पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) व्रत एक दिन पहले दशमी तिथि वाले दिन सूर्योदय से पहले भोजन ग्रहण कर लें।  

  • दशमी तिथि पर सात धान्य अर्थात गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर की दाल नहीं खाएं। 

  • दशमी तिथि वाले दिन रात को भोजन न करें ताकि एकादशी वाले दिन आपके पेट में अन्न का एक भी अंश न रहे। 

  • दशमी तिथि और एकादशी तिथि को जितना कम हो सके उतना कम बोलें। 

  • मांसाहारी भोजन न करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें। 

  • पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) का व्रत निर्जला या फिर थोड़े फलाहार के साथ इस व्रत को कर सकते हैं। 

  • इस दिन अन्न का सेवन न करें। 

  • एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। 

  • तत्पश्चात साफ स्वच्छ कपडे पहनकर व्रत का संकल्प लें। 

  • फिर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। 

  • एक साफ आसन या पटरी लें और उस पर स्वच्छ पीला या लाल कपड़ा बिछाएं। 

  • भगवान की तस्वीर और कलश को स्थापित करें। 

  • विधि – विधान से पूजा करके विष्णु जी के सहस्रनाम का पाठ करें।
     
  • शाम के समय पूजा करने के बाद व्रत कथा सुने। 

  • भगवान विष्णु का भजन करें।  

  • फिर द्वादशी तिथि के दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा दें। 

  • अंत में आप भोजन करें। 

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🌻 पापांकुशा एकादशी पर क्या करें और क्या न करें(What to do and what not to do on Papankusha Ekadashi)?🌻 
              

क्या करें(Do’s) :

 

  • दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंत्रों का जाप और भक्ति भजन गाकर शुरुआत करें। 

  • पशुओं के प्रति दया और सम्मान दिखाएँ, और करुणा के प्रतीक के रूप में उन्हें भोजन दें। 

  • अपनी आध्यात्मिक समझ और भक्ति को गहरा करने के लिए भगवद् गीता या पापांकुशा एकादशी व्रत कथा जैसे पवित्र ग्रंथों का पाठ करें। 

    क्याकरें(Don’t) :

 

  • एकादशी की पूरी रात जागते रहें और हो सके तो भजन-कीर्तन करें। 

  • मांसाहारी भोजन और शराब पीने से परहेज करें। 

  • इस शुभ दिन जौ, मसूर, बैंगन और सेम खाने से बचें। 

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🍀Mantras of Papankusha Ekadashi:🍀

 

 भगवान  विष्णु जी की स्तुति: 

  
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं 

विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् । 

लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् 

वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥ 

 

 Shantakaram Bhujagashayanam Padmanabham Suresh  

Vishwadharam Gaganasadrisham megh varn Shubhangam. 

Lakshmi Kantam Kamalanayanam Yogibhirdhyanagamyam  

Vande Vishnu Bhavabhayaharam Sarvlokaikanatham. 

 

भगवान विष्णु के मंत्र: 

  
ॐ नमोः नारायणाय नमः। 

Om Namoh Narayanay Namah। 

 
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः 

Om Namo: Bhagwate Vasudevaya Namah। 

 

ॐ नारायणाय विद्महे।   वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥ 

Om Narayana Vidmahe । Vasudevaya dhimahi । Tanno Vishnu: Prachodayat॥ 

 
ॐ विष्णवे नम:। 

Om Vishnave Namah। 

 

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💐निष्कर्ष(Conclusion)💐
              

                    पापांकुशा एकादशी(Papankusha Ekadashi) केवल उपवास ही नहीं, बल्कि अनुशासन, भक्ति और आत्मशुद्धि का भी प्रतीक हैयह भक्तों को भगवान विष्णु के साथ अपने बंधन को और मजबूत करने और धर्म के मार्ग पर चलने का अवसर प्रदान करती हैइस पवित्र दिन को सच्चे मन से मनाने से व्यक्तिकेवल सांसारिक सुख प्राप्त करता है, बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान भी प्राप्त करता है जो मोक्ष की ओर अग्रसर होता है 

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