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🌼 हनुमान जयंती 🌼

॥ ॐ श्री परमात्मने नमः ॥

🚩 हनुमान जयंती 2025 🚩

हनुमान जयंती क्या है(What is Hanuman Jayanti)?

                   जयंती ंस्कृत ब्द या ंत िसका र्थ ीत ंत ( ंत ें िजयी ोता यंती यंत ्त्री ूप ुंडका पनिष ्लोक ें त्यमेव यते त्य ार ेखांकित रता त् वम यते त्य (त्) केला (ई िजय (यते) िपरीत रिस्थितियों ावजूद िजयी ोता , सकी ूजा नके िन ाती नुमान िन्होंने ुष्ट क्ति ावण िलाफ यानक ुद्ध ें पने ्वामी गवान ामचन्द्र हायता , िजयी ुए ्योंकि त् (गवान ामचन्द्र) ाथ गवत ीता ूर्ण गवान त् त् हती ही ारगमन ार्ग लता , िजयी ोता सलिए, नकी यंती गवान नुमान ूजा रते ैं 

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🕰️Hanuman Jayanti  2025 Date & Time:📅


हनुमान जयंती शनिवार, 12 अप्रैल, 2025  

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ – 03:21 अप्रैल 12, 2025  

पूर्णिमा तिथि समाप्त – 05:51 अप्रैल 13, 2025 

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💐हनुमान जयंती का महत्व और उत्सव(Significance and celebration):💐


                 ऐसा माना जाता है कि भगवान हनुमान का जन्म मार्गशीर्ष अमावस्या(Margashirsha Amavasya) के दौरान हुआ था जब मूलम नक्षत्र प्रबल थाअधिकांश वर्ष मार्गशीर्ष अमावस्या मूलम नक्षत्र के साथ मेल खाती हैजिन वर्षों में मार्गशीर्ष अमावस्या मूलम नक्षत्र के साथ मेल नहीं खाती है, तो उत्सव की तारीख निर्धारित करने के लिए अमावस्या के दिन को प्राथमिकता दी जाती हैऐसा माना जाता है कि भगवान हनुमान का जन्म सूर्योदय के दौरान हुआ थाइसलिए, मंदिरों में आध्यात्मिक प्रवचन शुरू होते हैं जो भोर में शुरू होते हैं और सूर्योदय के बाद समाप्त होते हैंइस दिन भक्त जल्दी उठते हैं और स्नान करते हैंफिर वे भगवान हनुमान की मूर्ति के सामने एक दीया जलाते हैं और उनकी प्रार्थना करते हैंमूर्ति को फल और सिन्दूर चढ़ाया जाता हैभक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को प्रसाद खाने के बाद उपवास तोड़ते हैं 

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🍀हनुमान जयंती पर पूजा अनुष्ठान(Hanuman Jayanti Puja Vidhi):🍀

  • सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
  • घर, मंदिर और मूर्ति रखने की जगह को साफ करें।
  • मूर्ति को साफ जगह पर रखें।
  • मूर्ति को दूध, दही, शहद, घी और चीनी से नहलाएं।
  • मूर्ति को वस्त्र, इत्र, अक्षत और फूल चढ़ाएं।
  • मूर्ति के सामने घी या तेल का दीपक जलाएं।
  • हनुमान जी की स्तुति में मंत्रों का जाप करें और गीत गाएं।
  • प्रसाद चढ़ाएं और परिवार और दोस्तों में बांटें।
  • हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और रामचरितमानस का पाठ करें।
  • “ॐ हं हनुमते नमः” मंत्र का जाप करें।
  • मूर्ति पर सिंदूर और केसर का तिलक लगाएं।
  • हनुमान जी को लाल वस्त्र पहनाएं।
  • उन्हें लाल, पीले और गुलाबी फूल चढ़ाएं।
  • उन्हें केले और जामुन का भोग लगाएं।
  • हनुमान जी को बेसन के लड्डू और बूंदी का भोग लगाएं।

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🌻 साल में दो बार क्यों मनाई जाती है हनुमान जयंती(Why is Hanuman Jayanti celebrated twice a year)?  🌻

 

                पवनपुत्र हनुमान जी की एक जयंती को उनकी जयंती के रूप में मनाया जाता है, जबकि दूसरी जयंती को विजय अभिनंदन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार संकटमोचन हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि, मंगलवार को मेष लग्न में हुआ था। 
 
                     वहीं चैत्र माह में एक और हनुमान जयंती भी मनाई जाती है. इसके पीछे एक पौराणिक कथा(mythological story.) है. उस पौराणिक कथा के अनुसार हनुमान जी में जन्म से ही अद्भुत शक्तियां थीं। बचपन में एक बार हनुमान जी को भूख लगी तो उन्होंने सूर्य को फल समझ लिया और उसे खाने के लिए दौड़ पड़े। उसके पास जाकर उसने सूर्य को निगलने का प्रयास किया, जिससे संपूर्ण पृथ्वी पर अंधकार फैल गया। जब इंद्रदेव को इस बात का पता चला तो उन्होंने हनुमान जी को सूर्य खाने से रोकने के लिए उन पर वज्र से प्रहार किया, जिससे हनुमान जी बेहोश हो गए। 
    
                            जब यह बात उनके पिता पवनदेव को पता चली तो वे बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने संपूर्ण ब्रह्मांड की वायु को रोक दिया, जिससे पृथ्वी पर वायु के अभाव से हाहाकार मच गया। इसके बाद ब्रह्मा जी ने पवनदेव का क्रोध शांत किया और हनुमान जी को जीवनदान दिया। मान्यता है कि चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी को नया जीवन मिला था। यही कारण है कि हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती(Hanuman Jayanti) मनाई जाती है। 

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🍀हनुमान से जीवन के सबक जो हमें अपने जीवन में अपनाने चाहिए(Life Lessons from Hanuman to apply in our lives):🍀

  

अटूट भक्ति: हनुमान का राम के प्रति समर्पण अद्वितीय है। वे राम की सेवा दायित्व से नहीं, बल्कि शुद्ध प्रेम और भक्ति से करते हैं। यह अटूट निष्ठा हमारे अपने जीवन में प्रतिबद्धता और समर्पण के महत्व की याद दिलाती है, चाहे वह हमारे प्रियजनों, हमारे करियर या हमारे लक्ष्यों के प्रति हो। 

निःस्वार्थ सेवा: हनुमान के कार्य बदले में कुछ भी अपेक्षा किए बिना राम की सेवा करने की इच्छा से प्रेरित हैं। वे “सेवा” (निःस्वार्थ सेवा) की अवधारणा का उदाहरण हैं – जो हिंदू धर्म का एक मूल सिद्धांत है। हनुमान जयंती हमें दूसरों की ज़रूरतों को अपनी ज़रूरतों से पहले रखने और अपने आस-पास की दुनिया में सकारात्मक योगदान देने की याद दिलाती है। 

शक्ति और दृढ़ता: हनुमान के पास अपार शारीरिक शक्ति है, लेकिन उनकी असली ताकत उनके अटूट दृढ़ संकल्प और दृढ़ता में निहित है। वे चुनौतियों का डटकर सामना करते हैं, बाधाओं के बावजूद कभी हार नहीं मानते। हनुमान जयंती हमें अपनी चुनौतियों का साहस के साथ सामना करने और दृढ़ता के माध्यम से बाधाओं को दूर करने के लिए प्रेरित करती है। 

बुद्धि और होशियारी: हनुमान सिर्फ़ ताकतवर ही नहीं बल्कि बुद्धिमान और समझदार भी हैं। चुनौतियों पर विजय पाने के लिए वे अपनी बुद्धि और रणनीतिक सोच का इस्तेमाल करते हैं, जैसा कि लंका में उनकी सफल घुसपैठ में देखा जा सकता है। हनुमान का यह पहलू हमें जीवन की परिस्थितियों का सामना ताकत और बुद्धि दोनों से करने की याद दिलाता है। 

विनम्रता: अपनी अपार शक्ति के बावजूद, हनुमान हमेशा विनम्र रहते हैं और राम और दूसरों के प्रति हमेशा सम्मान दिखाते हैं। यह विनम्रता हमें याद दिलाती है कि असली ताकत अहंकार में नहीं बल्कि अपनी सीमाओं को स्वीकार करने और दूसरों का सम्मान करने में निहित है। 

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    🍀 Mantras of Hanuman Jayanti:🍀


      अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता अस वर दीन जानकी माता!! 
Ashta Siddhi Nav Nidhi Ke Daata As Var Deen Janki Mata!! 

 

संकट कटे मिटे सब पीरा जो सुमिरे हनुमत बल बीरा!! 
Sankat Kate Mite Sab Peera Jo Sumire Hanumat Bal Beera!!
 

भूत पिशाच निकट नहीं आवे महावीर जब नाम सुनावे!  
Bhoot Pishaach Nikat Nahin Aave Mahaveer Jab Naam Sunave!!
   

नासे रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा!! 
Naase Rog Hare Sab Peera Japat Nirantar Hanumat Beera!!   

 

जो शत बार पथ कर कोई छुटेहि बंदी महा सुख होई!!
Jo Shat Baar Paath Kar Koi Chootehi Bandi Maha Sukh Hoi!!   

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💐Conclusion 💐

             हनुमान जयंती का दिन किसी त्यौहार से कहीं बढ़कर है। भगवान हनुमान के भक्त अपने देवता के जन्मोत्सव का पूरे साल इंतजार करते हैं। अगर आप अपने जीवन में शक्ति, बुद्धि, शांति और सद्भाव चाहते हैं, तो इस दिन को पूरी श्रद्धा के साथ मनाना और मनाना उचित है। परंपरा और मान्यता के अनुसार, हनुमान जयंती के शुभ दिन मंदिरों में जाकर पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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