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🌼 करवा चौथ 🌼

॥ ॐ श्री परमात्मने नमः ॥

🚩 Karva Chauth 2024 🚩

करवा चौथ के बारे में :

       करवा चौथ एक हिंदू त्यौहार है जिसे हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने की पूर्णिमा के चौथे दिन विवाहित महिलाएं मनाती हैं। इस दिन, विवाहित हिंदू महिलाएं पूरे दिन सूर्योदय के बाद भोजन या पानी की एक भी बूंद नहीं पीकर ‘निर्जला व्रत’ या उपवास रखती हैं। वे अपने पति की समृद्धि, सुरक्षा और लंबी उम्र के लिए इस परंपरा को मनाती हैं। महिलाएं छलनी से चांद और अपने पति के चेहरे को देखकर अपना व्रत तोड़ती हैं। 

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🕰️ Karva Chauth Time 2024 Date & Time:📅

📅 करवा चौथ रविवार, अक्टूबर 20, 2024 को   🕰️

📅 करवा चौथ पूजा मुहूर्त – 05:46 पी एम से 07:02 पी एम 🕰️

📅    अवधि – 01 घण्टा 16 मिनट्स 🕰️

📅 करवा चौथ व्रत समय – 06:25 ए एम से 07:54 पी एम 🕰️

📅 अवधि – 13 घण्टे 29 मिनट्स 🕰️

📅 करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय – 07:54 पी एम 🕰️

📅 चतुर्थी तिथि प्रारम्भअक्टूबर 20, 2024 को 06:46 ए एम बजे 🕰️

📅 चतुर्थी तिथि समाप्तअक्टूबर 21, 2024 को 04:16 ए एम बजे 🕰️

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🔰🌻करवा चौथ पूजा विधि (karwa chauth 2024 Puja Vidhi) 🌻
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  1. करवा चौथ व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान कर साफ-सुधरे कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें।
  2. इसके बाद साफ हाथों से घर की दीवारों पर गेरु से करवा का चित्र बनाएं। सोलह श्रृंगार कर पूजा स्थल पर माता पार्वती, भगवान शिव, गणेशजी, कार्तिकेय की तस्वीर को रखें।
  3. एक करवा में जल भरकर पूजा के स्थान पर रखें और उसमें जल भरें।
  4. इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें और चौथ माता की कहानी सुनें। कथा पूर्ण होने के बाद बड़े लोगों के पैर छूकर आशीर्वाद लें।
  5. शाम के लिए पूजा के लिए थाली तैयार कर लें, फिर एक चौकी पर करवा माता की तस्वीर रखें, उसके बाद दीया जलाएं।
  6. गौरा पार्वती, चौथ माता और पूरे शिव परिवार की पूजा करें। करवा चौथ की कथा सुनें और पति की दीर्घायु के लिए मन ही मन प्रार्थना करें।
  7. चांद निकलने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें और छलनी की सतह पर जलता हुआ दीया रखकर चंद्र दर्शन करें, फिर इसी से पति का मुंह देखें।
  8. चंद्रमा को देख कर अपनी पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करें, फिर पति के हाथों से पानी पीकर व्रत को खोलें। घर के सभी बड़ों का आशीर्वाद लेकर करवा को सास या किसी सुहागिन स्त्री को दे दें, और उनके पैर छू लें।

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🔰🌻करवा चौथ का महत्व: 

 

      करवा चौथ को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। जहाँ ‘करवा’ का अर्थ है मिट्टी का बर्तन, वहीं ‘चौथ’ का अर्थ है चौथा दिन। इस दिन को इस मान्यता के साथ मनाया जाता है कि यह देवी पार्वती का दिन है, जिन्होंने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए व्रत रखा था। इसलिए, विवाहित महिलाएँ अपने पति की दीर्घायु और एक स्थायी वैवाहिक जीवन सुनिश्चित करने के लिए यह व्रत रखती हैं। ऐसा माना जाता है कि यह व्रत परिवार में सौभाग्य और समृद्धि लाता है। 

      एक दिवसीय त्यौहार भारत के उत्तरी भागों में व्यापक रूप से मनाया जाता है, जिसमें पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं। विवाहित हिंदू महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र के लिए भगवान शिव, देवी पार्वती, भगवान गणेश और करवा माता से प्रार्थना करती हैं। 

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🔰 🌻करवा चौथ पूजा सामग्री (Karwa chauth Puja samagri): 🌻 🔰

  

 

  • करवा चौथ की पूजा के लिए टोटीवाला करवा (मिट्‌टी या तांबे का ढक्कन वाला करवा), कलश,रोली, कुमकुम, मौली, अक्षत। 
  • पान, व्रत कथा की पुस्तक, दही, शक्कर का बूरा,चंदन, फूल, हल्दी, चावल, मिठाई 
  • देसी घी, इत्र, नारियल, जनेऊ जोड़ा, अबीर, गुलाल, शहद, दक्षिणा, कच्चा दूध. 
  • छलनी, कपूर, गेहूं, बाती (रूई), करवा माता की तस्वीर, दीपक, अगरबत्ती, लकड़ी का आसन, हलुआ, आठ पूरियों की अठावरी. 
  • सरगी – 16 श्रृंगार की सभी समाग्री, ड्रायफ्रूट्स, फल, मिष्ठान। 
  • 16 श्रृंगार का सामान –  कुमकुम, मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, काजल, बिछुआ,काली पोत. 

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🔰🌻 करवा चौथ में करवा, छलनी, दीपक, सींक का महत्व:🌻🔰

 

करवा – करवा को गणपति का प्रतीक माना जाता है. कहते हैं करवे में लगी टोटी गणेश जी की सूंड मानी जाती है. करवा में जल भरकर पूजा करने और चंद्रमा को अर्घ्य देने से मंगल कामनाएं पूर्ण होती है. 

दीपक – करवा चौथ व्रत के दिन स्त्रियां छलनी में दीपक रखकर चांद और फिर पति का चेहरा देखती है. शास्त्रों के अनुसार दीपक जलाने से नकारात्मकता दूर होती है, एकाग्रता बढ़ती है. 

कांस की सींक – कांस की सींक को करवे की टोटी में डाला जाता है. मान्यता है कि यह सींक शक्ति का प्रदर्शन करती है. कथा के अनुसार करवा के पति का पैर मगरमच्छ ने पकड़ लिया था उस समय उन्होंने अपनी शक्ति से इन्हीं सींकों का इस्तेमाल करके मगर को बांध दिया और यमराज के पास पहुंच गयीं. उस समय चित्रगुप्त करवा माता के जीवन का लेखा जोखा देख रहे थे. तभी करवा ने सींकों से चित्रगुप्त के पन्नों से पति के प्रसंग को अलग कर दिया और यम से पति के प्राणों की रक्षा की कामना की. 

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🔰 🌻किन महिलाओं को नहीं रखना चाहिए करवा चौथ का व्रत? (Who Should Avoid Karwa Chauth Fasting) :

 

गर्भवती महिलाएं- गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का शरीर कई बदलावों से गुजरता है। इस दौरान व्रत रखना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। गर्भवती महिलाओं को भरपूर पोषण की आवश्यकता होती है, जिसे व्रत रखने से पूरा नहीं किया जा सकता। साथ ही, पूरे दिन बिना पानी के रहना शिशु और मां, दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। 

स्तनपान कराने वाली महिलाएं- स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी व्रत नहीं रखना चाहिए। क्योंकि शिशु को स्वस्थ रखने के लिए मां को सही मात्रा में पोषण की जरूरत होती है, लेकिन उपवास करने की वजह से शरीर में पोषण की कमी हो सकती है, जिससे मां के साथ-साथ बच्चे की सेहत पर भी असर पड़ सकता है। 

डायबिटीज- जिन महिलाओं को डायबिटीज है, उन्हें भी व्रत नहीं करना चाहिए। उपवास में रहने से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित नहीं रहता। इसकी वजह से उन्हें परेशानी हो सकती है। शुगर लेवल ज्यादा कम होना भी खतरनाक हो सकता है। 

दिल की बीमारी- जिन महिलाओं को दिल से जुड़ी कोई परेशानी हो, उन्हें भी करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए। पूरे दिन बिना खाना और पानी के रहने से धमनियां सिकुड़ जाती है, जिसकी वजह से बीपी बढ़ता है। ये कंडीशन घातक साबित हो सकती है। 

शारीरिक कमजोरी- जिन महिलाओं का वजन ज्यादा कम हो या एनीमिया जैसी कोई डेफिशिएंसी डिजीज हो, उनके लिए भी उपवास करना ठीक नहीं है। 

 

गणेश पूजा के मंत्र: Mantras of Ganesh worship:

  

ऊँ एकदंताय नम: Om Ekadantay Namah :      

ऊँ वक्रतुंडाय नम: Om Vakratundaya Namah: 

ऊँ गं गणपतयै नम: Om Gan Ganpatayai Namah: 

  

शिवजी की पूजा के मंत्र Mantras of worship of Lord Shiva :

ऊँ नम: शिवाय Om Namah: Shivay 

ऊँ रुद्राय नम: Om Rudray Namah: 

ऊँ तत्पुरुषाय नम: Om Tatpurushaya Namah:

  

करवा चौथ माता के मंत्र : Karva Chauth Mata Mantras:

  

ऊँ चतुर्थी देव्यै नम: Om Chaturthi Devyai Namah,  

ऊँ गौर्ये नम:, Om Gaurye Namah :, 

ऊँ शिवायै नम: ।। Om Shivay Namah. 

 

ऊँ नम: शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्। 

प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।।

  

ये मंत्र बोलकर प्रणाम करें: 

  

नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:।  

नम: प्रकृत्यै भद्रायै नियता: प्रणता: स्मृताम्॥

  

करवा माता की आरती: 

  

ऊँ जय करवा मइया, माता जय करवा मइया । 

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया ।। ऊँ जय करवा मइया। 

  

सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी। 

यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी ।। ऊँ जय करवा मइया। 

  

कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती। 

दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती ।। ऊँ जय करवा मइया। 

  

होए सुहागिन नारी,  सुख सम्पत्ति पावे। 

गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।। ऊँ जय करवा मइया। 

  

करवा मइया की आरती, व्रत कर जो गावे। 

व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।  ऊँ जय करवा मइया। 

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