हिंदू धर्म में देवी-देवताओं और त्योहारों का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि का त्योहार भी ऐसे ही खास अवसरों में से एक है। नवरात्रि के त्योहार में नौ दिनों तक लगातार मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। साल में चार बार नवरात्रि का त्योहार आता है। ऐसा बहुत कम लोग जानते हैं कि चैत्र (वासंती नवरात्रि) और शारदीय नवरात्रि (अश्विन नवरात्रि) के अलावा दो गुप्त नवरात्रि (माघ/आषाढ़ नवरात्रि) भी आती हैं। हालांकि इसमें सबसे ज्यादा महत्व शारदीय नवरात्रि (shardiya navratri) का होता है। यह अश्विन माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। इस विशेष पर्व पर मां के सभी भक्त पूरे नौ दिनों तक माता की पूजा करते हैं, उपवास रखते हैं और नौवें दिन कन्या पूजन करते हैं। इन नौ दिनों में मां दुर्गा अपने सभी भक्तों की प्रार्थना सुनती हैं और भक्तों को अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
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📅 आश्विन घटस्थापना बृहस्पतिवार, अक्टूबर 3, 2024 को 🕰️
📅 घटस्थापना मुहूर्त – 06:46 ए एम से 07:49 ए एम 🕰️
📅 अवधि – 01 घण्टा 03 मिनट्स 🕰️
📅 अवधि – 00 घण्टे 48 मिनट्स 🕰️
📅 घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है। 🕰️
📅 घटस्थापना मुहूर्त, द्वि-स्वभाव कन्या लग्न के दौरान है। 🕰️
📅 Ghatasthapana Muhurat is during the dual nature Virgo Lagna. 🕰️
📅 प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 03, 2024 को 12:18 ए एम बजे 🕰️
📅 प्रतिपदा तिथि समाप्त – अक्टूबर 04, 2024 को 02:58 ए एम बजे 🕰️
📅 कन्या लग्न प्रारम्भ – अक्टूबर 03, 2024 को 06:46 ए एम बजे 🕰️
📅 कन्या लग्न समाप्त – अक्टूबर 03, 2024 को 07:49 ए एम बजे 🕰️
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शारदीय नवरात्रि में दुर्गा मां के अलग-अलग रूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। पूजा सामग्री के रूप में कुमकुम, फूल, देवी की मूर्ती या फोटो, जल से भरा कलश, मिट्टी का बर्तन, जौ, लाल चुनरी, लाल वस्त्र, मौली, नारियल, साफ चावल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, बताशे या मिसरी, कपूर, श्रृंगार का सामान, दीपक, घी / तेल, धूप, फल-मिठाई व कलावा आदि शामिल है।
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शारदीय नवरात्रि में देवी दुर्गा की शक्ति के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्मांडा, पांचवे दिन स्कंदमाता, छठवें दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी, और नौवें दिन सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है। शारदीय नवरात्रि, मां दुर्गा द्वारा राक्षस महिसासुर के वध और भगवान राम की रावण पर विजय के रूप में मनाई जाती है।
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शारदीय नवरात्रि को महानवरात्रि या अश्विन नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, जब भगवान राम, माता सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल के लिए वनवास गए थे, तो वहां रावण ने धोखे से माता सीता का हरण कर लिया था। इसके बाद भगवान राम ने माता सीता की रक्षा के लिए रावण से युद्ध किया और उस पर विजय प्राप्त की। तभी से इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाने लगा।
इसके पीछे एक और पौराणिक कथा भी मौजूद है। जिसके अनुसार, मां दुर्गा ने नौ दिनों तक दुष्ट राक्षस महिसासुर से युद्ध किया था और दसवें दिन उसे पराजित किया था। इसलिए लगातार नौ दिनों तक भक्त माता की उपासना करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस समय पूरी श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा करने से आपके सभी कष्ट दूर हो सकते हैं और आप एक समृद्ध जीवन की शुरुआत कर सकते हैं।
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चैत्र और शारदीय नवरात्रि दो प्रमुख हिन्दू त्योहार हैं, जो भारत में विशेष धार्मिक महत्व रखते हैं। हर साल चैत्र नवरात्रि (मार्च-अप्रैल) और शारदीय नवरात्रि (सितंबर-अक्टूबर) मास में मनाए जाते हैं। इस प्रकार चैत्र नवरात्रि वसंत ऋतु में मनाई जाती है, जबकि शारदीय नवरात्रि शरद ऋतु के आगमन को दर्शाती है। चैत्र नवरात्रि के दौरान, हम नौ दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं। फिर, नौवें दिन, राम नवमी मनाते हैं। वहीं शारदीय नवरात्रि में हम दुर्गा महानवमी और विजयदशमी के साथ नवरात्रों का समापन करते हैं।
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नवरात्रि के त्योहार में रंगों का भी विशेष महत्व होता है। इन नौ दिनों के लिए नौ अलग-अलग रंगों को चुना जाता है। अगर आप नौ दिनों तक इन रंगों को पहनते हैं और देवी मां की पूजा करते हैं तो यह आपको बेहद शुभ परिणाम देता है। आइए जानते हैं किस दिन कौन-सा रंग आपके लिए शुभ होगा?
पहले दिन- साल 2024 में नवरात्रि के पहले दिन आपको नारंगी रंग के कपड़े पहनने चाहिए। नारंगी रंग को पहन कर पूजा करने से आपको बहुत सकारात्मक महसूस होगा।
दूसरे दिन- इस दिन सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करें। यह रंग आपको आत्मशांति और बेहतर महसूस करवाने में सहयोग करेगा।
तीसरे दिन- नवरात्रि के तीसरे दिन लाल रंग को दिनचर्या में जरूर शामिल करें। आप इस रंग का प्रयोग माता की पूजा के लिए भी कर सकते हैं क्योंकि लाल रंग माता को अतिप्रिय होता है।
चौथे दिन- गहरा नीला रंग नवरात्रि के चौथे दिन सबसे शुभ रहेगा। नीला रंग समृद्धि और शान्ति लाता है। इस रंग के वस्त्र पहनें और माता का ध्यान करें।
पांचवे दिन- पीले रंग के कपड़े पहनने से आप खुश और सकारात्मक महसूस कर सकते हैं। पीला एक नर्म और मन को खुशी देने वाला रंग है। यह आपका दिन अच्छा बनाएगा।
छठवें दिन- नवरात्रि के छठवें दिन हरा रंग पहनें। हरा रंग प्रकृति से जुड़ा होता है, यह सभी चीज़ों के फलदायी, शांतिपूर्ण और स्थिर होने का संकेत देता है। देवी की प्रार्थना करते समय हरा रंग पहनना, आपको शांति महसूस करवा सकता है।
सातवें दिन- इस दिन स्लेटी रंग पहनें। यह आपकी सोच को संतुलित करने में मदद करेगा। इसकी ऊर्जा से आप अधिक व्यावहारिक हो सकते हैं।
आठवें दिन- नवदुर्गा पूजा के दौरान आठवें दिन बैंगनी रंग का उपयोग करें। इससे आपको समृद्धि और सफलता प्राप्त हो सकती है। इसलिए, अगर आप देवी मां का आशीर्वाद चाहते हैं, तो यह रंग अवश्य चुनें।
नौवें दिन- नवरात्रि के नौवें दिन आपको मोर वाला हरा रंग पहनना चाहिए। यह हरे और नीले रंग से मिलकर बनता है। यह रंग समृद्धि से जुड़ा होता है।
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