प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, संतान प्राप्ति और संतान की लंबी आयु के लिए इस दिन व्रत रखना चाहिए। ऐसा करने से जीवन की बाधाओं से मुक्ति मिलती है और संतान की लंबी आयु होती है। इस दिन व्रत रखने से संतान संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। जो दंपत्ति संतान प्राप्ति से बचना चाहते हैं या जो संतानहीन होना चाहते हैं, उन्हें यह व्रत अवश्य रखना चाहिए। अगर दंपत्ति साथ मिलकर व्रत रखते हैं, तो व्रत का फल शीघ्र मिलता है। जो लोग इस व्रत की कथा और महत्व को पूरी निष्ठा से पढ़ते या सुनते हैं, उन्हें कई गायों के दान के बराबर पुण्य मिलता है।
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साल की दो एकादशियों को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। पौष और श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशियों को पुत्रदा एकादशी कहते हैं।
अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार वर्तमान में पौष शुक्ल पक्ष की एकादशी दिसम्बर या जनवरी के महीने में पड़ती है जबकि श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी जुलाई या अगस्त के महीने में पड़ती है। पौष माह की पुत्रदा एकादशी उत्तर भारतीय प्रदेशों में ज्यादा महत्वपूर्ण जबकि श्रावण माह की पुत्रदा एकादशी दूसरे प्रदेशों में ज्यादा महत्वपूर्ण है।’ पुत्रदा ‘ शब्द का अर्थ है ‘ पुत्रों को देने वाली ‘ और इसलिए ऐसा माना जाता है कि श्रावण मास में पुत्रदा एकादशी व्रत रखने से पुत्र प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है।
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🍀 श्रावण पुत्रदा एकादशी : शुक्रवार, अगस्त 16, 2024 🍀
🌺 पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 17वाँ अगस्त को, 06:17 से 08:05 🌺
🌹पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय : 08:05 🌹
🌻एकादशी तिथि प्रारम्भ : अगस्त 15, 2024 को 10:26 बजे 🌻
💐 एकादशी तिथि समाप्त : अगस्त 16, 2024 को 09:39 बजे 💐
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